उच्च न्यायालय के आदेश पर खाली हुआ चचरी मैदान
उक्त भूमि पर प्रधान द्वारा बांध निर्मित कराए जाने से काफी संख्या में नाराज ग्रामीणों ने एसडीएम को घेरा
कर्नलगंज, गोण्डा । बीते दिनों उच्च न्यायालय के आदेश पर गरजे बुल्डोजर ने चचरी मैदान में वर्षो से काबिज रहे अवैध कब्जेदारों की सैकड़ों दुकानों को ध्वस्त कर उसे नेस्तनाबूद कर दिया था और प्रशासन द्वारा पूरे मैदान को अतिक्रमण मुक्त कराकर खाली करा दिया गया था। अब ग्राम प्रधान पर उसी भूमि पर बांध निर्मित कराए जाने का आरोप लगाते हुए स्थानीय ग्रामीणों ने एसडीएम को शिकायती पत्र देकर त्वरित कार्यवाही की मांग की है।
बताते चलें कि इसके पहले ग्रामीणों द्वारा बीडीओ सहित अन्य अधिकारियों से भी प्रकरण की शिकायत की जा चुकी है।बुधवार को उपजिलाधिकारी हीरा लाल को दिए गए शिकायती पत्र में ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत पाल्हापुर में लगभग 90 वर्ष पूर्व श्री स्वामी शिवानंद भारती जी का आगमन हुआ जो की स्वामी दयानंद सरस्वती जी के अनुयायी थे, उनके द्वारा ही हमारे क्षेत्र में आर्य समाज एवं हिन्दू धर्म का प्रचार प्रसार किया गया।जिससे प्रेरित होकर हमारे पूर्वजों के द्वारा लगभग 120 बीघा जमीन उनके रहने एवं यज्ञ हवन पूजन धार्मिक अनुष्ठान हेतु दान कर दी गई थी, जिस पर प्रतिदिन यज्ञ आदि अनुष्ठान होते रहते हैं।कुछ वर्षो बाद उन्होंने यहीं पर समाधि ले ली एवं शिवानन्द भारती जी की समाधि चचरी बाबा के मैदान में ही स्थापित है एवं उनका मंदिर भी बना हुआ है। जिसमें प्रतिदिन पूजन अर्चन होता रहता है। इसी प्रकार उनके चेले बाबा त्रिलोचन भारती जी द्वारा भी उपरोक्त अनुष्ठान होते रहे हैं एवं बाबा त्रिलोचन भारती जी के द्वारा समाधि लेने से पूर्व ही उपरोक्त जमीन को गायों,जानवरों को चरने व धार्मिक व सामाजिक अनुष्ठान हेतु छोड़ दिया गया था।पत्र में कहा गया है कि उपरोक्त भूमि हमारे पूर्वजों के खाते की भूमि है जो कि केवल धार्मिक अनुष्ठान हेतु दान की गई थी जिस पर कभी कोई स्थाई व अस्थाई निर्माण नहीं किया गया था एवं लेकिन कुछ वर्षों पूर्व कुछ दबंग लोगो के द्वारा अवैध निर्माण किया जाने लगा जिस पर शासन व प्रशासन तंत्र काफी शिकायतों के बाद भी शांत बैठा रहा तो ग्रामवासियों ने उच्च न्यायालय की शरण ली। जिस पर कोर्ट द्वारा अवैध निर्माण को हटाने का आदेश पारित किया गया था जिसका प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए उपरोक्त भूमि से सैकड़ों अवैध निर्माण को अभी कुछ महीने पूर्व ही हटवाया गया था।ग्रामीणों का कहना है कि चारागाह की भूमि जो कि जानवरों को चरने हेतु छोड़ी गई है उस पर किसी भी प्रकार का सरकारी व गैर सरकारी निर्माण किया जाना हम लोगों की आस्था से खिलवाड़ होगा,उक्त मैदान में अभी कुछ ही दिनों पूर्व एक विशाल यज्ञ एवं भण्डारे का अनुष्ठान कोटवा बाबा के महंथ द्वारा किया गया था,इसी तरह प्रति वर्ष कोई न कोई धार्मिक अनुष्ठान एवं सामाजिक कार्यक्रम होता चला आ रहा है। इतना ही नहीं जब चारों तरफ बाढ़ का पानी भर जाता है तो यह भूमि पूरे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र की जनता के लिए,उनके पशुओं के लिए एक मात्र ठिकाना बनता है और यहीं मुख्यमंत्री सहित अन्य नेता व अधिकारी बाढ़ पीड़ितों को राहत प्रदान करते हैं। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि इसी भूमि पर ग्राम प्रधान पाल्हापुर द्वारा चारों तरफ बंधे का निर्माण कराया जा रहा है जिससे उक्त भूमि पर आने जाने के लिए रास्ता अवरुद्ध हो जायेगा और उक्त भूमि की उपयोगिता समाप्त हो जायेगी,इतना ही नहीं चारागाह की भूमि की प्रकृति को बदला भी नहीं जा सकता है अथवा उपरोक्त भूमि पर किसी भी प्रकार का सरकारी व गैर सरकारी निर्माण किया जाता अवैधानिक है।
उपजिलाधिकारी से की शिकायत में ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान द्वारा कराए जा रहे बांध निर्माण कार्य को तत्काल रुकवाकर दोषियों पर कार्यवाही की मांग की है। एसडीएम को शिकायती प्रार्थना पत्र पर चंद्रभान सिंह,राम कुमार सिंह,मनीष सिंह एडवोकेट,सर्वेश सिंह,जटाशंकर सिंह,किशुन,जगत पाल सिंह,पंचम लाल,नरेंद्र सिंह,कौशलेंद्र सिंह,राघवेंद्र सिंह,आशीष सिंह, मुन्नू सिंह,मुन्ना लाल,सोमई सहित अन्य तमाम ग्रामीणों के हस्ताक्षर हैं।