*भैया दूज त्यौहार महिलाओं ने विधि विधान से मनाया बहनों ने भाइयों को मिठाई खिलाकर दीया आशीर्वाद* डॉ. कल्प राम त्रिपाठी ब्यूरोचीफ गोण्डा.

*भैया दूज त्यौहार महिलाओं ने विधि विधान से मनाया बहनों ने भाइयों को मिठाई खिलाकर दीया आशीर्वाद*
डॉ. कल्प राम त्रिपाठी ब्यूरोचीफ गोण्डा.

खबर गोंडा जनपद से हैं जहां पर भाई दूज त्यौहार भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का प्रतीक माना जाता है. भाई दूज को भाई टीका, यम द्वितीया, भ्रातृ द्वितीया आदि नामों से भी जाना जाता है. भाई दूज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को मनाया जाता है. इस मौके पर बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र और सुख समृद्धि की कामना करती हैं. वहीं भाई शगुन के रूप में बहन को उपहार भेंट देते हैं. भाई दूज के दिन मृत्यु के देवता यमराज का पूजन भी किया जाता है. मोहल्ले की महिलाएं एक जगह एकत्रित होती हैं रंगोली बनाकर विधि विधान से पूजा पाठ करती हैं और अपने घरों पर भाइयों को तिलक लगाकर भुरकी लाई खिलाती हैं भाई बहन को आशीर्वाद देते हैं उपहार स्वरूप दान दक्षिणा देते हैं भैया दूज सबसे अनोखा पर्व है। इस अद्भुत त्योहार पर जहां बहनें अपने प्यारे भाई की लंबी उम्र, कल्याण और समृद्धि के लिए भगवान से प्रार्थना करती हैं, वहीँ भाई भी अपनी बहन की खुशहाली की प्रार्थना भगवान से जरुर करता है बहन ने अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं पौराणिक मान्यता है कि श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध करने के पश्चात अपनी बहन सुभद्रा से मिलने गए थे। सुभद्रा ने अपने भाई से मिलकर उनका तिलक कर आरती पूजन किया और पुष्पहारों से उनका आदर सत्कार के साथ स्वागत किया तब से ही हर वर्ष इसी तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है।

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