महेवागंज पुलिस ने चक्रव्यूह रच कर लकड़ी ठेकेदार को फंसाया
राकेश मौर्य विशेष संवाददाता
लखीमपुर खीरी। रस्सी का सांप बनाने में माहिर महेवागंज पुलिस ने एक बार फिर इस कहावत को सच साबित कर दिखाया है। महेवागंज पुलिस ने यूकेलिप्टस के पेड़ों के कटान में निकासी न देने वाले लकड़ी ठेकेदार को सबक सिखाने के लिए तथा मोटी रकम कमाने के लिए ऐसा चक्रव्यूह रचा कि लकड़ी ठेकेदार बदहवास हालत में दर दर भटक रहा है। वहीं लकड़ी भरे ट्राले को पकड़ कर पुलिस चौकी में खड़ा करने के बाद महेवागंज पुलिस लकड़ी भरा ट्राला छोड़ने की एवज मे एक लाख रुपए की डिमांड कर रही है। चौबीस घंटे बीत जाने के बाद भी महेवागंज पुलिस ने लकड़ी भरे ट्राले को अभी तक न तो छोड़ा है और न ही सीज किया है।
जानकारी के मुताबिक महेवागंज चौकी क्षेत्र के रहने वाले मसाहुद्दीन नाम के लकड़ी ठेकेदार ने सिकंदरपुर गांव निवासी मंगूलाल के यूकेलिप्टस के पेड़ों को खरीदा है। इन पेड़ों को बीते दिन मसाहुद्दीन कटवा रहा था। लेकिन महेवागंज पुलिस ने मौके पर पहुंच कर लकड़ी ठेकेदार से निकासी के साढ़े पांच हजार रुपए मांगे तो मसाहुद्दीन ने यूकेलिप्टस की लकड़ी को छूट प्रजाति की बताते हुए निकासी देने से मना कर दिया। तब महेवागंज पुलिस ने यह कहते हुए कटान बन्द करने को कहा कि खेत मालिक मंगूलाल ने चौकी पर लिखित शिकायत की है। लेकिन खेत मालिक ने ऐसी कोई भी शिकायत करने की बात से इंकार कर दिया। तब महेवागंज पुलिस ने ठेकेदार को गाली गलौज करते हुए कहा कि तुम यह लकड़ी लेकर महेवागंज चौकी पार नहीं कर पाओगे। अब तुम साढ़े पांच हजार रुपए नहीं बल्कि एक लाख रुपए लेकर आओगे तथा चौकी में नाक रगडोगे, तब भी नहीं बच पाओगे।
पीड़ित ठेकेदार मसाहुद्दीन का आरोप है कि यूकेलिप्टस भरा ट्राला लेकर चालक जब वहां से निकला तो मौके पर मौजूद पुलिस चौकी के सिपाहियों ने किसी को फोन कर कहा कि सिंगारपुर पंप के पास पहुंचो तथा जैसे कहा है वैसे ही करो, बाकी सब हम देख लेंगे। यह कहने के बाद दोनों सिपाही ट्राले के पीछे पीछे ही वहां से चल दिए। पीड़ित का कहना है कि थोड़ी देर बाद पता चला कि ट्राले के पीछे टकरा कर कोई बाइक चालक घायल हो गया है तथा महेवागंज पुलिस ट्राले को चौकी खींच ले गई है।
पीड़ित ठेकेदार मसाहुद्दीन का आरोप है कि महेवागंज पुलिस ने अपनी दी गई धमकी को सच साबित कर दिखाया है। उसे आशंका है कि महेवागंज पुलिस ने ही उसे फंसाने के लिए चक्रव्यूह रचकर बाइक की ट्राले में टक्कर करवाई है। ताकि उससे मोटी रकम वसूल सके। पीड़ित का कहना है कि महेवागंज पुलिस घायल बाइक चालक की आंड में सुलह समझौता के नाम पर एक लाख रुपए की डिमांड कर रही है। जबकि लकड़ी भरा ट्राला न तो ओवरलोड है और न ही ओवरहाइट है। लेकिन महेवागंज पुलिस बाइक चालक को ढाल बनाकर उससे एक लाख रुपए ऐंठना चाहती है। वहीं महेवागंज पुलिस ट्रैक्टर ट्राले के मालिक को भी डरा धमका रही है ताकि वह जल्द से जल्द पुलिस को डिमांड पूरी कर दे, जिससे उसका ट्राला सीज होने से बच जाये।
फिलहाल महेवागंज पुलिस को रस्सी का सांप बनाने में महारत हासिल है। इससे पहले भी महेवागंज पुलिस ऐसे कई कारनामे कर चुकी हैं, लेकिन पुलिस विभाग के आलाधिकारी महेवागंज पुलिस चौकी इंचार्ज व सिपाहियों के इन कारनामों पर अंकुश नहीं लगा पा रहे हैं।