प्रमुख समाजसेवी रामधन शर्मा को पुण्यतिथि पर किया गया याद

प्रमुख समाजसेवी रामधन शर्मा को पुण्यतिथि पर किया गया याद

– रामधन शर्मा ने अपने अच्छे स्वभाव, व्यवहार, आदत व चरित्र के बल पर समाज में अपनी एक अमिट पहचान बनायी – चन्द्रपाल सिंह पंवार, प्रमुख समाजसेवी

– रामधन शर्मा बहुत ही विन्रम व सहनशील व्यक्ति थे और सामर्थ्य के अनुसार जरूरतमंदो की हर सम्भव सहायता करते थे – सतीश कौशिक बसी, शिक्षक

बागपत, उत्तर प्रदेश। विवेक जैन।
बागपत के प्रसिद्ध समाजसेवी स्वर्गीय रामधन शर्मा सुन्हैड़ा को उनकी पुण्यतिथि पर याद किया गया और श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। सुन्हैड़ा गांव में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में स्वर्गीय रामधन शर्मा के शुभचिंतको व प्रशंसको ने उनके चित्र के सम्मुख पुष्प अर्पित कर उनको नमन किया और उनके महान व्यक्तित्व के बारे में लोगों को अवगत कराया। सुन्हैडा निवासी प्रमुख समाजसेवी चन्द्रपाल सिंह पंवार ने बताया कि रामधन शर्मा का जन्म 7 जनवरी वर्ष 1941 को हुआ था। बताया कि 26 मई वर्ष 2020 को वह स्वर्गवासी हो गये। बताया कि रामधन शर्मा के पिता मास्टर कालेराम शर्मा सरकारी अध्यापक थे। कालेराम शर्मा महान व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति थे और उन्होंने आजीवन बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के साथ-साथ धार्मिक कार्यो में महत्वपूर्ण योगदान दिया। बताया कि कालेराम शर्मा के तीन पुत्रों रामफल शर्मा, जीतराम शर्मा और रामधन शर्मा ने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए अपने अच्छे स्वभाव, व्यवहार, आदत व चरित्र के बल पर समाज में अपनी एक अमिट पहचान बनायी। बताया कि रामफल शर्मा खेती करते थे, जीतराम शर्मा अध्यापक थे और रामधन शर्मा सफदरजंग अस्पताल दिल्ली में एक्सरे टैक्नीशियन के पद पर कार्यरत थे। बसी निवासी शिक्षक एवं प्रमुख समाजसेवी सतीश कौशिक ने बताया कि स्वर्गीय रामधन शर्मा बहुत ही विन्रम व सहनशील व्यक्ति थे। वह जरूरतमंद लोगों की सामर्थ्य के अनुसार हर सम्भव सहायता करते थे। नेशनल अवार्डी व बागपत के वरिष्ठ पत्रकार विपुल जैन ने प्रसिद्ध समाजसेवी स्वर्गीय रामधन शर्मा सुन्हैड़ा की महानता पर प्रकाश डालते हुए लोगों से उनके महान व्यक्तित्व और जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही। इस अवसर पर स्वर्गीय रामधन शर्मा जी के पुत्र देवेन्द्र शर्मा, पौत्र अनुपम शर्मा, पौत्री अंजली शर्मा व आकांशा शर्मा, आंचल शर्मा, विपुल शर्मा, सतपाल दरोगा, ओमदत्त शर्मा, ब्रहमपाल शर्मा सहित अनेकों लोग उपस्थित थे।

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