*बलरामपुर चीनी मिल्स की हेड ने कृषक गोष्ठी में प्रतिभाग किया*

*बलरामपुर चीनी मिल्स की हेड ने कृषक गोष्ठी में प्रतिभाग किया*

 

रंजीत तिवारी

गोण्डा- विकास खण्ड रूपईडीह के ग्राम पंचायत पुरैनिया में कृषक गोष्ठी आयोजित किया गया जिसमें बलरामपुर चीनी मिल की मालकिन आवंतिका सरावगी ने गोष्ठी में प्रतिभाग किया। जहां पर भाजपा के मंडल अध्यक्ष रमाकांत मिश्रा द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया।और बुके भेंट की। गोष्ठी कार्यक्रम का शुभारंभ चीनी मिल के महाप्रबंधक (गन्ना) श्याम सिंह ने किया गया।जिसमें श्री सिंह ने बताया कि गन्ने की बुवाई एवं उन्नतिशील प्रजातियों का चुनाव,बीज शोधन,बुवाई का उत्तम महीना,खेत की तैयारियां,आर एम डी का प्रयोग,पावर स्प्रे, उन्नतिशील प्रजाति कोसा 15023 व 14201 के बारे में जानकारी दी। बलरामपुर चीनी मिल के के समूह की मालकिन अवंतिका सरावगी ने किसानों से सीधा संवाद स्थापित करते हुए कहा कि बलरामपुर चीनी मिल के द्वारा दो सौ अस्सी करोड़ रुपऐ का भुगतान किया जा चुका है आगे भी इसी प्रकार भुगतान जारी रहेगा। किसानों से गन्ने की पैदावार बढ़ाने एवं अधिक लाभ प्राप्त करने हेतु आधुनिक विधि से खेती के तरीकों का इस्तेमाल करने की अपील की तथा गन्ने की बुवाई तथा बीज शोधन एवं गन्ने के उन्नत किस्म की प्रजाति 15023 पर बल देते हुए कहा कि किसानों के लिए सर्वोत्तम गन्ने के बीज है जिसे बुवाई कर अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं एजीएम दिनेश शर्मा ने किसानों को पेढ़ी प्रबंधन एवं बसंत कालीन गन्ने की बुवाई, खाद एवं उर्वरक का प्रयोग ट्रेंच विधि अपनाना पर विस्तृत जानकारी दी श्री शर्मा ने कहा कि बलरामपुर चीनी मिल की पेराई क्षमता प्रतिदिन 120 हजार कुंतल का है इस अवसर पर एजीएम अरुण श्रीवास्तव ,उप प्रबंधक अजय शुक्ला,सीडीओ विष्णु तिवारी,वरिष्ठ गन्ना पर्यवेक्षक राजेश्वरी शुक्ला, सीओसी सदस्य ओमपाल सिंह, दिनेश चंद्र पांडे ,सर्वस नाथ पांडे ,राजेंद्र नाथ मिश्र , रामफेर शुक्ला,सहित सैंकड़ों किसानों ने प्रतिभाग किया।आर्य नगर वहीं अग्रणी किसान,राधे शरण शुक्ला के द्वारा गन्ना व आलू के सहफसली खेती को बलरामपुर चीनी मिल्स के यूनिट मालकिन अवंतिका सरावगी ने देखा और प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, उन्हें प्रोत्साहन राशि देकर सम्मानित किया।श्री सरावगी ने कहा कि किसानों की आय दुगनी करने के लिए किसानों को सहफसली खेती करने की आवश्यकता है जैसे गन्ना -आलू ,गन्ना -सरसों ,गन्ना – उड़द आदि की बुवाई अवश्य करें।

Related posts

Leave a Comment