गुरु तेग बहादुर जी का शहीदी दिवस मनाया गया गुरु का अटूट लंगर भी चला।
डॉ. कल्प राम त्रिपाठी
ब्यूरो चीफ गोण्डा
गोण्डा, नगर के प्राचीनतम व संत बाबा दीदार सिंह जी महाराज द्वारा निर्मित गुरुद्वारा बड़गांव साहिब में सिखों के नौवें गुरु गुरुतेग बहादुर जी का शहीदी दिवस बड़ी श्रृद्धा पूर्वक मनाया गया। गुरुद्वारा साहिब में सुबह से श्रृद्धालुओं का आना और माथा टेकने का सिलसिला देर रात कार्यक्रम समापन तक जारी रहा। प्रबंधक कमेटी द्वारा सांय कालीन विशेष कीर्तन दीवान का आयोजन किया गया और साथ ही बच्चों के उत्साह वर्धन के लिए पुरस्कार भी बांटे। सुखमनी सेवा सोसायटी की अरविंदर कौर तथा कमलप्रीत कौर की अगुआई में नाम सिमरन कराया गया जिसमें समूह साध संगत ने पूरा साथ दिया। गुरुघर के ज्ञानी अशोक सिंह ने सिख धर्म गुरुओं द्वारा मानवता के लिए दी गई शहादत की परम्परा के बारे में अवगत कराया और शबद गायन करके समां बांध दिया। कार्यक्रम में सुखमनी सेवा सोसायटी द्वारा 35 बच्चों को पुरस्कार भी बांटे गये। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार राजेंद्र सिंह भाटिया ने बताया कि गुरुतेग बहादुर जी का बलिदान देश, धर्म एवं मानवता की रक्षा के लिए दिया गया सर्वोच्च बलिदान था। उन्होंने बताया कि प्रथम गुरु गुरुनानक देव जी से लेकर दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी ने सभी धर्मों को सम्मान दिया मगर मानवता की राह में रोड़ा अटकाने वाले ज़ालिमों के खिलाफ जंग भी की और शहादत भी दी। वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह छाबड़ा ने कहा कि सभी धर्मों का सम्मान होना चाहिए और उसी सूत्र पर सिख समाज आज भी खड़ा है। महामंत्री चरनजीत सिंह खालसा ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व में सिख समाज आदि काल से आज तक मानवता और भाईचारा कायम रखने के लिए देश धर्म के लिए खड़ा है। उपाध्यक्ष सतपाल छाबड़ा ने कहा कि बहुत कम संख्या में होने के बावजूद सिख समाज प्राकृतिक आपदाओं के समय भी अपना सहयोग दे रहा है। कोषाध्यक्ष अजीत सलूजा ने आने वाले सभी संगत का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रभशरण सिंह,इन्दरजीत सिंह,ईशूपाल भाटिया, दरविन्दर सिंह मिंटू,सतीश चैनानी,दीना बेदी, गुरमीत सिंह छाबड़ा,अजय बेदी,बीरू,गुरमीत सलूजा, प्रितपाल सलूजा, दीपक होरा, मकार्थी गंज के निवासियों व सुखमनी सेवा सोसायटी का विशेष सहयोग रहा।