सोशल मीडिया पर वायरल आडियो मामले में ग्राम विकास अधिकारी नंदिनी मौर्या सस्पेंड

सोशल मीडिया पर वायरल आडियो मामले में ग्राम विकास अधिकारी नंदिनी मौर्या सस्पेंड
विभागीय जांच के आदेश, बीडीओ बेलसर को जांच अधिकारी किया गया नामित।

कर्नलगंज, गोण्डा। विकास कार्य के धनराशि भुगतान करने के बदले में कमीशन मांगने से संबंधित सोशल मीडिया पर वायरल आडियो के मामले में सेक्रेटरी नंदिनी मौर्या को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं सस्पेंड सेक्रेटरी को हलधरमऊ विकास खंड से संबद्ध कर उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिये गये हैं।

प्रकरण कर्नलगंज विकास खंड के ग्राम पंचायत फत्तेपुर से जुड़ा है, जहां ग्राम प्रधान के सहयोगी द्वारा संबंधित सेक्रेटरी नंदिनी मौर्या से भुगतान को लेकर हुई बातचीत में कमीशन मांगने का मामला सामने आया था और बातचीत का आडियो भी खूब वायरल हुआ था। उक्त वायरल आडियो का संज्ञान लेते हुए फत्तेपुर गांव में तैनात सेक्रेटरी नन्दिनी मौर्या को निलम्बित कर दिया गया है। वहीं निलम्बित ग्राम विकास अधिकारी को हलधरमऊ ब्लाक से संबद्ध कर उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिये गये हैं। मामले से संबंधित आडियो में ग्राम विकास अधिकारी व ग्राम पंचायत फत्तेपुर की प्रधान जफरुल निशा का काम देख रहे विवेक श्रीवास्तव फोन पर बात कर रहे हैं। इसमें प्राथमिक विद्यालय फत्तेपुर, प्राथमिक विद्यालय मोहम्मदपुर कमियार, एएनएम सेंटर के भवन के मरम्मत में चार लाख रुपये खर्च होने की बात हो रही है।पंचायत सचिव पर चहेती फर्म पर भुगतान चाहने और कमीशन भी मांगने के साथ ही डोंगल लगाने से मना करने का आरोप है। ग्राम विकास अधिकारी द्वारा प्रधान के सहयोगी बताए जा रहे युवक के फोन पर काल करके एक लाख एक हजार रुपये कमीशन अपनी चहेती फर्म के नाम भुगतान करने का दबाव बनाने से जुड़े बताये जा रहे आडियो में वह कह रही है कि अपना कमीशन मांग रही हूं, तुम्हारे बाप की कमाई नहीं। इसी के साथ आखिरी भुगतान होने की धमकी भी दी। उक्त मामले में जिला विकास अधिकारी गोंडा ने जारी निलम्बन आदेश में कहा है कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है,जिसमें सेक्रेटरी नन्दिनी मौर्या द्वारा ग्राम फत्तेपुर में प्रधान प्रतिनिधि से एन०एम०सेन्टर, मानदेय, प्राथमिक विद्यालय फत्तेपुर मु0 81,000.00 एवं मु0 1,67,000.00 आदि के सम्बन्ध में कमीशन की मांग की गयी है।जो कि भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है और ऐसे कृत्य से प्रशासन की छवि धूमिल हुई है। ऐसे में आरोपी नन्दिनी मौर्या के इस कृत्य को उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली के प्राविधानों के प्रतिकूल मानते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया। निलम्बन अवधि में नन्दिनी मौर्या को वित्तीय हस्तपुस्तिका खण्ड-2 भाग-2 से 4 के मूल नियम 53 के प्राविधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ता अर्द्ध औसत वेतन पर/अर्द्ध वेतन पर देय अवकाश के बराबर देय होगा एवं उक्त धनराशि पर देय मंहगाई भत्ता भी मिलता रहेगा। इतना ही नहीं निलम्बन के साथ ही नन्दिनी मौर्या को विकास खण्ड हलधरमऊ से सम्बद्ध कर उनके विरुद्ध विभागीय जांच हेतु खण्ड विकास अधिकारी बेलसर को जांच अधिकारी नामित किया गया है। वहीं ग्राम विकास अधिकारी नन्दिनी मौर्या ने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि विवेक श्रीवास्तव ने आडियो को काट-छांटकर बनाया है। उन्हें बदनाम करने व दबाव बनाकर भुगतान कराने के लिए आडियो को वायरल किया गया है। इसी के साथ ही उनके द्वारा जांच में सहयोग करने की बात कही गई है।

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