*नहीं रुक रहा घटतौली का खेल आखिर क्यों नहीं हो रही इन धर्म कांटो की जाँच*
*क्या प्रसासन की भी है मिलीभगत, इतने बड़े पैमाने पर हती है घटतौली*
बी,ए, न्यूज़ राजकुमार सिंह/ खुर्शीद आलम
मामला लखीमपुर खीरी जिले का है यहां पर बेहजम – मैगलगंज हाईवे पर कलाआम में एक बाला जी धर्म कांटा लगा हुआ है। यहाँ पर जब, कोटेदारों के लिए भेजे हुए राशन के ट्रक यूपी 26 टी 3278 की तौल की गई तब 175 कुंटल 30 किलोग्राम वजन बताया, वहीं इस कांटे की तौल सही ना मानकर, आगे ज्ञान स्थली स्कूल के पास लगे हुए आर पी शाक्य धर्म कांटे पर तौल कराई तो वहां पर 174 कुंटल 40 किलो तौल बताई 30 मिनट के अंतर में दोनों धर्म कांटा पर तौल कराने के बावजूद दोनों धर्म कांटे की तौल में लगभग 1 कुंटल वजन का फेरबदल निकला। यह कब से हो रहा है इसकी किसी को जानकारी नहीं है, क्षेत्रीय जनता कब से बेवकूफ बनाई जा रही है इसका कुछ पता नहीं है। इसका पूरा श्रेय प्रशासनिक अधिकारियों को ही जाएगा। आखर अधिकारीयों ने अब तक इसकी जांच क्यों नहीं की है। अगर वही कोई कोटेदार एक किलो भी राशन कम देता है तो उसके ऊपर कई धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर दिया जाता है। बड़े़ स्वामित्व वाला जो एक से डेढ़़ कुंटल तक राशन कम तौलते हैं, तो इनके ऊपर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है।
इन लोगों के भरोसे अगर दूसरा कोई सामान तौलाया जाए जैसे लोग मोरंग, गिट्टी, सरिया यहां तक कि किसान अपना गन्ना तक तौलवाते हैं। आगे चलकर उनको बड़ा घाटा झेलना पड़ता है। जिसकी उनको भनक तक नहीं होती।
आखिर प्रशासन क्या चाहता है, इन कांटा मालिकों के ऊपर कार्रवाई होगी या नहीं, अब इसका खामियाजा कौन भुगतेगा गरीब जनता, गरीब कोटेदार या ट्रक ड्राइवर, खुद एक अकेला आदमी चोरी करके 20 आदमियों को चोर बनाता साबित हो रहा है। यह बहुत ही निंदनीय कार्य है। अब जिस कोटेदार का एक कुंटल राशन कम होगा तो कोटेदार एक यूनिट वाले 20 लोगों को राशन कहां से देगा। यहीं से चोरी चालू होती है और शायद होती भी रहेगी, जब तक ऐसे भ्रष्ट कांटा मालिकों के ऊपर कार्रवाई नहीं होती है। इसका पूरा श्रेय प्रशासनिक अधिकारियों को ही जाएगा, या तो इन कांटा मालिकों के ऊपर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
ऐसे गलत तौल बताने वाले धर्म कांटो की जाँच की जाए जिससे हर व्तक्ति को पूरा सामान मिल सके।
कहने को तो यह एक धर्म कांटा है, मगर अब जाहिर हो रहा कि धर्म नहीं बचा है। पूरा का पूरा अधर्म कांटा हो चुका है। नाम से ही लोग आंख बंद करके भरोसा करते हैं और कीमती से कीमती सामान इसकी तौल के अनुसार ही बेचते व खरीदे हैं। कुछ दरिंदों की वजह से धर्म कांटे के नाम पर भी लोगों को शक हो चुका है, कि आखिर किसकी तौल सही होगी। अगर प्रशासन सही से इन लोगों की जांच करें तो आगे चलकर लोग के साथ वाले अंजान धोखे से बचाया जा सकता है।