हंगामें के साथ 9.01 करोड़ का बजट पारित
– बजट आवंटन को लेकर उपाध्यक्ष समेत छह सदस्यों का विरोध
– बजट को लेकर वोटिंग पर भड़के सदस्य
बागेश्वर, दीपावली पर्व का आगाज और जिले के सर्वोच्च सदन में बैठक।जिपं बैठक हर समय चर्चाओं में रहती है।पक्ष और विपक्ष के बीच लगातार गतिरोध रहता है।
जिला पंचायत की सामान्य बैठक में बजट आवंटन को लेकर कुछ सदस्यों ने हंगामा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि बजट आवंटन में विकास कार्यों की अनदेखी की गई है। कार्ययोजना में उनके क्षेत्र को शुरू से ही शामिल नहीं किया गया है। सदस्यों ने कहा कि वह बजट की बंदरबांट नहीं होने देंगे। विरोध के बावजूद बहुमत से 9.01 करोड़ रुपये का बजट पारित किया गया।
शुक्रवार को जिला पंचायत सभागार पर जिपंअध्यक्ष बसंती देव की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई। सामान्य बैठक में जिला नियोजन समिति में पारित बजट पर अनुमोदन होना था। बजट आवंटन की सूची में विपक्षी सदस्यों के गांवों के नाम गायब थे। इससे वह भड़क गए। उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष पर विकास कार्यों की अनदेखी का आरोप लगाया। कहा कि बजट आवंटन सभी सदस्यों को बराबर होना चाहिए। वही जिपं अध्यक्ष बार बार समय से अपने क्षेत्रों के विकास कार्यो की सारणी पेश करने की बात कहती रही,बजट में विपक्षियों के प्रस्ताव को लेकर कुछ अध्यक्ष समर्पित सदस्य भी विपक्षियों पर हमलावर हुए।लेकिन ऐसा सदन में लंबे समय से नहीं हो पा रहा है। जिसके लिए आंदोलन भी किए गए थे। उन्हें आश्वासनों का पुलिंदा थमाया गया। सामान्य बैठक में भी उन्हें ठेंगा दिखाने का काम किया जा रहा है। जिला पंचायत उपाध्यक्ष नवीन परिहार और अध्यक्ष के बीच जमकर तीखी नोकझोंक हुई। उन्होंने बजट आवंटन पर सवाल उठाए। कहा कि यह बजट अध्यक्ष को मुबारक हो। वह सदस्यों के साथ धोखा नहीं होने देंगे। सदस्य गोपा धपोला, इंद्रा परिहार, पूजा आर्या, वंदना ऐठानी, सुरेश खेतवाल ने आरोप लगाया कि अध्यक्ष चेहतों को बजट दे रहे हैं। यह खेल लंबे समय से चल रहा है। जिसका वह विरोध करेंगे।
– जिला पंचायत में नियमानुसार कार्य हो रहा है। जिला पंचायत की नियोजन समिति में बजट पास होने के बाद शुक्रवार की बैठक में 9.01 करोड़ का बजट अनुमोदन भी हो गया है। कुछ सदस्य इसका विरोध कर रहे हैं। जब सदन ने उनसे कार्ययोजना मांगी तो उन्होंने दी नहीं अब विरोध कर जिले के विकास में रोड़ा बन रहे हैं। जिले के विकास के लिए सभी क्षेत्र का ध्यान रखा गया है।
– बसंती देव, जिला पंचायत अध्यक्ष बागेश्वर।
ईएमओ को बंधक बनाए जाने की सूचना पर छुड़ाने गए कोतवाल को विपक्षी सदस्यों का झेलना पड़ा विरोध।
विरोध के बीच कोतवाल ने बन्द कमरे से ईएमओ और अन्य कर्मियों को निकाला बाहर।
जिपं की बैठक के समापन के बाद अचानक विरोधी सदस्यों की ईएमओ से बहस हो गई। जिसके बाद विरोधी सदस्यों ने ईएमओ और अन्य कर्मियों को सभागार कक्ष में बंधक बना लिया। वही बंधक बनाने की सूचना पर जिपं अध्यक्ष बसंती देव ने उपजिलाधिकारी हरगिरि से बंधक बनाए गए कर्मियों को छुड़ाए जाने की शिकायत की। जिपं अध्यक्ष की शिकायत पर एसडीएम हरगिरि ने कोतवाल को तत्काल बंधक बनाए गए कर्मियों को छुड़ाने के निर्देश दिए।जिसके बाद विपक्षी सदस्यों द्वारा कमरे में बंद सदस्यों को कमरा खोलने की अपील की। परन्तु नही मानने पर सुरक्षा2की दृष्टि से कोतवाल ने कमरा खोला और जिपं के ईएमओ और अन्य कर्मियों को बाहर निकाला।जिसके बाद विरोधी सदस्यों ने कोतवाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। और कोतवाल पर आरोप लगाने लगे।वही धरने पर बैठ गई।वही जिपं के सदस्यों ने कोतवाल कैलाश नेगी के समर्थन में अपना लिखित रूप में सहयोग पुलिस उपाधीक्षक को सौंपा है। वही कोतवाल कैलाश नेगी ने बताया कि दीपावली पर्व पर शहर में किसी प्रकार की शांति व्यवस्था भंग न हो, इसके लिए जिपं कर्मियों को बंधक बनाए जाने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुँची थी।साथ ही कमरे को खोलकर ईएमओ और अन्य कर्मियों को बाहर निकाला गया था। वही सदस्यों द्वारा लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया।वही जिपं अध्यक्ष बसंती देव और अन्य समर्पित सदस्यों ने विपक्षी सदस्यों द्वारा कोतवाल पर लगाए गए आरोपो को निराधार बताया।