बलरामपुर विज्ञान यूथ क्लब समन्वयक आशुतोष पाठक द्वारा 21 राज्यों का भारत भ्रमण किया गया।
🇮🇳 मेरा देश – मेरी जिम्मेदारी 🇮🇳
मैं आशुतोष कुमार इन्नोवेटर, समन्वयक, बाल वैज्ञानिक
भारतवर्ष को पुनः विश्व गुरु एवं सोने की चिड़िया बनाने का संकल्प लेते हुए,भारतवर्ष के प्रत्येक जनमानस में वैज्ञानिकतावाद, अध्यात्मवाद, मानवतावाद, प्रकृतिवाद, की विचारधारा को संचारित करने के लिए संकल्पित हूं।
हम सनातनी अथवा प्रकृति की संतान संपूर्ण विश्व की आबादी को आत्मनिर्भर एवं शांतिपूर्ण बनाने के लिए अपने माता-पिता एवं गुरु का आशीर्वाद लेकर वशुधैव कुटुंबकमब की भावना का नेतृत्व करते हुए संपूर्ण विश्व के मानव जाति को लेकर अज्ञानता से ज्ञान की ओर कुपोषण से पोषण की ओर आकुशलता से निपुणता की ओर सर्वप्रथम मानवतावादी धर्म की भावना को लेकर अध्यात्मवादी, वैज्ञानिकतावादी विचार धारा को लेकर भारत वर्ष को पुनः विश्व गुरु एवं सोने की चिड़िया बनाने का संकल्प लेता हूं,
हम सब लोग मिलकर हमारे लक्ष्य को घर-घर पहुंचाने का माध्यम बने।
मैं कर सकता हूं,आप भी कर सकते हो, हम सब कर सकते हैं।
हम सभी को संकल्पित होने कि जरुरत है।
मानव और प्रकृति की नैतिक मूल्यों की रक्षा करना यह मेरा मुख्य उद्देश्य है।
जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, गोवा, मुंबई, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड 21 राज्यों का भ्रमण करके विज्ञान का प्रचार प्रसार इन्नोवेटर,समन्वयक, बाल वैज्ञानिक,आशुतोष कुमार के द्वारा किया गया।
मैं विशेष रूप से आभारी हूं, मध्य प्रदेश,पश्चिम बंगाल, झारखंड जहां के विज्ञान प्रेमी जनता ने मेरा भव्य स्वागत एवं अभिनन्दन किया गया।
भविष्य में पुनः भारत भ्रमण का लक्ष्य पैदल यात्रा बलरामपुर जिले से लेकर दिल्ली भारत की राजधानी तक होगा।
मुझे मेरे माता-पिता और श्री कमल नयन पटेल, डॉ मृदुल शुक्ला, डॉ दिव्य दर्शन तिवारी, डॉ आलोक शुक्ला, श्री ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव, राजेश्वर मिश्रा, डॉ सतीश सिंह राजेश गौतम, लव जोशी, श्रवण मिश्रा, सुभद्रा बोम्जन सहित गुरुजनों एवं वरिष्ठ जनों का उत्साह वर्धन एवं मार्गदर्शन प्राप्त हुआ जिससे यह कार्य मैं सफलतापूर्वक संपन्न कर सका।
सम्पूर्ण प्रक्रिया के प्रेरक व मार्गदर्शन हेतु, निम्न को मै बधाई देता हूं,और आशाकरता हूं निरन्तर सबका मार्गदर्शन मिलता रहेगा।
भारत भ्रमण के दौरान मुझे सभी ने मार्गदर्शन भी किया।कि जो मेरे जीवन अमूल्य धरोहर है।
मैं उन सभी मार्गदर्शकों को प्रणाम करता हूँ |