बीमार को तीन किमी पैदल ले जाने की ग्रामीणों की मजबूरी

बीमार को तीन किमी पैदल ले जाने की ग्रामीणों की मजबूरी

– सड़क नहीं बनने का दंश झेल रहे ग्रामीण

– पिता को मिले ताम्र पत्र लौटाने की चेतावनी दी फतेह सिंह ने

बागेश्वर,

काफलीगैर तहसील के जैन करास गांव आज तक सड़क से नहीं जुड़ पाया है। सड़क के लिए लोगों ने आमरण अनशन तक कर दिया, लेकिन आश्वासन के अलावा उन्हें कुछ नहीं मिला। बीमार व्यक्ति को तीन किमी डोली पर ले जाने की ग्रामीणों की नियत बन गई है। स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी फौजी फतेह सिंह ने जल्द गांव में सड़क नही पहुंचने पर उनके पिता को मिले ताम्र पत्र को लौटाने की चेतावनी दी है।

ग्रामीणों का कहना है कि वह जिला प्रशासन और जनप्रिनिधियों से सड़क बनाने की मांग करते-करते थक चुके हैं। जैन करास के लोग सड़क नहीं बन पाने से परेशान है। गांव में कभी भी कोई बीमार होने पर डोली से सड़क तक मरीजों को ले जाने के लिए भी परिजनों को परेशानी उठानी पड़ रही है। बुधवार को ग्रामीण एक बार फिर इस परेशाानी से जुझे। विमला देवी की तबियत अचानक खराब हो गई। परिजन उसे डोली में तीन किमी दूर सड़क तक डोली में लाए। जिसके बाद उसे चिकित्सालय ले जाया गया। जैन ग्राम के ग्रामीणों में गांव तक सड़क नहीं बन पाने से आक्रोश है। सड़क निर्माण को लेकर ग्रामीण कई बार पालड़ीछीना में आमरण अनशन तक कर चुके हैं। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तराधिकारी फौजी फतेह सिंह करायत ने जिलाप्रशासन और जनप्रतिनिधियों पर गांव की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। उन्होंने आजादी के 75वें वर्षगांठ पर सभी घरों में तिरंगा लगाने और सड़क के निर्माण के लिए दोबारा आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

गोविन्द सिंह की रिपोर्ट।

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