भ्रष्टाचार का खेल कहे या लापरवाही बनते ही जर्जर हो रहे सामुदायिक शौचालय
कैसे होगा गांव खुले में शौच मुक्त
फखरपुर क्षेत्र के ग्राम पंचायत अकबरपुर बुजुर्ग में बना सामुदायिक शौचालय हो गया जर्जर नहीं है दरवाजे गायब है सीट रोटी नहीं है पानी की सप्लाई उजड़ गई पर जिम्मेदार खामोश शिव प्रेरणा स्वयं सहायता समूह के सरला ने बताया कि सामुदायिक शौचालय बनकर तैयार हुआ हमारे समूह को हैंडबिल भी कर दिया गया लेकिन जर्जर हालात में पहुंचता गया सामुदायिक शौचालय किसी भी प्रकार से अब तक कोई मानदेय भी नहीं दिया गया 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी सामुदायिक शौचालय के रखरखाव के लिए भी कुछ राशि नहीं प्राप्त हो सके हम तो आते हैं समय पर बैठ जाते हैं अपना फर्ज निभाते हैं लेकिन यहां की अव्यवस्थाओं के बारे में जब ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारी को अवगत कराया जाता है तो जवाब में सिर्फ सून ही मिलता है शौचालय में ना तो पानी की व्यवस्था है सारे दरवाजे टूटे पड़े हैं तो टिया गायब हैं एक ताला तक नहीं है जर्जर हालत में पहुंच गया है सीटें टूट गई है दीवारें दरक गई है जर्जर हालत में पहुंचा सामुदायिक शौचालय भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया जो सपना था सरकार का उस को ठेंगा दिखाते नजर आ रहे जिम्मेदार जब सामुदायिक शौचालय इस तरह से जर्जर हालत में पहुंच जाएंगे तो कैसे खुले में मुक्त होगा सोच आज भी अकबरपुर बुजुर्ग व नया पुरवा के लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं सामुदायिक शौचालय तो बनाया गया था जन सुविधा के लिए लेकिन यह सुविधा किसी को नहीं मिल पा रही है आखिर जिम्मेदार खामोश क्यों है क्यों बने हैं अनजान लाखों की लागत में बनाए गए सामुदायिक शौचालय 3 साल भी नहीं पूरा कर पाए और जर्जर हालात में पहुंच गए हैं