*स्वच्छ भारत मिशन को पलीता लगा रहे हैं अधिकारी व ग्राम अध्यक्ष*

*स्वच्छ भारत मिशन को पलीता लगा रहे हैं अधिकारी व ग्राम अध्यक्ष*

 

ताहिर खान

 

विकासखंड के अंतर्गतलाखों रुपए की लागत से ग्राम सभाओं में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कार्य कराया गया था। विकासखंड केअधिकांश सामुदायिक शौचालयों पर ताला लटकता हुआ नजर आ रहा है। इससे साफ जाहिर होता है कि कहीं ना कहीं स्वच्छ भारत मिशन को पलीता लगाने में प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हैं। प्रशासनिक अमले की लापरवाही के चलते शौचालयों निर्माण होने के बाद इसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। निर्माण के बाद शौचालयों में ताला लटक रहा है। ऐसे में ग्रामीण खुले में शौच करने के लिए विवश हैं।

सामुदायिक शौचालयों में बंद है ताला

विकासखंड के 77 ग्राम पंचायतों में अलग-अलग 77 सामुदायिक शौचालय बनवाए गए हैं। ‌ अधिकांश ग्राम पंचायतों में नवनिर्मित सामुदायिक शौचालयों में ताला बंद है। ऐसे में शौचालय शोपीस बनकर रह गए हैं। स्वच्छता की मुहिम को परवान चढ़ाने के उद्देश्य से गांवों में सामुदायिक शौचालय बनवाए गए हैं लेकिन कई गांवों में अभी तक सामुदायिक शौचालयों का ताला नहीं खुल सका है।

खुले में शौच के लिए मजबूर हैं ग्रामीण

सामुदायिक शौचालयों को लेकर ग्रामीणों को उम्मीद थी कि अब खुले में शौच के लिए नहीं जाना पड़ेगा। लेकिन, शौचालयों का निर्माण पूरा होने के बाद भी वहां ताला लटकता हुआ नजर आ रहा है। ग्रामीणों का साफ कहना है कि अगर सामुदायिक शौचालय नियमित खुलें तो लोग उसी में शौच के लिए जाएंगे, बाहर नहीं जाएंगे। लेकिन, जनता की समस्याओं पर किसी का ध्यान नहीं है।

शौचालयों को खोलने की मांग

गांव के लोगों ने बताया कि स्वच्छता के प्रचार-प्रसार पर सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन नतीजा गांव के लोगों को अब भी शौच के लिए बाहर जाना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों से बंद पड़े शौचालयों को खोले जाने की मांग की है जिससे गांव स्वच्छता की ओर बढ़ सके।

अभी भी खुले में शौच करते हैं क्षेत्र के नब्बे हजार लोग

2015 में क्षेत्र की करीब 40 फीसदी ग्रामीण आबादी खुले में शौच करती थी, लेकिन 2022 में यह आंकड़ा घटकर 22 फीसदी रह गया

इसमें कोई शक नहीं है कि पिछले सात वर्षों में 2015 से 2022 के बीच खुले में शौच करने वालों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है। पर इसके बावजूद अभी भी 77 ग्राम पंचायतों के नब्बे हजार लोग खुले में शौच करते हैं।

एडीओ पंचायत फोन ही नहीं उठाते

शौचालय में ताला लगा होने के संबंध में जानकारी करने की कोशिश वीडियो पंचायत तेजराम से गई। एडीओ पंचायत तेजराम ने फोन ही नहीं उठाया। वह गांव के किसी भी विकास कार्य में रुचि नहीं ले रहे। केवल कागजी खानापूर्ति कर सरकार को संतुष्ट कर रहे हैं।

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