✓✓ भाजपा विधायक की सदस्यता खतरे में,हाईकोर्ट ने किया भाजपा विधायक को तलब

✓✓ भाजपा विधायक की सदस्यता खतरे में,हाईकोर्ट ने किया भाजपा विधायक को तलब

 

✓ श्रावस्ती विधानसभा के भाजपा विधायक रामफेरन की विधायकी को हाईकोर्ट में चुनौती,सपा पूर्व विधायक असलम राईनी ने दायर की याचिका

 

✓ भाजपा विधायक पर 28 साल से दर्जनों आपराधिक मुकदमे दर्ज लेकिन MP & MLA कोर्ट पर आज तक नही गया विधायक जी का केस,अब हाईकोर्ट ने विधायक रामफेरन को 30 मई से पहले तलब कर लिया है

 

✓ उत्तरप्रदेश में अब तक के पहले भाजपा विधायक हैं रामफेरन जिनको सपा प्रत्याशी द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई

 

श्रावस्ती विधानसभा से 1457 वोट से विधायकी का चुनाव जीते भाजपा प्रत्याशी रामफेरन पांडेय को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।

यह चुनौती सपा के हारे प्रत्याशी और पूर्व विधायक असलम राईनी ने दी है।

समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक असलम राईनी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है जिसमें कहा है कि श्रावस्ती विधायक रामफेरन ने नामांकन के दौरान जो हलफनामा दाखिल किया है वह अवैध है।

 

असलम राईनी द्वारा दायर की गई चुनाव याचिका में विधायक रामफेरन पर चुनाव आयोग को अपने दर्जनों आपराधिक मुकदमों,अपनी शैक्षिक योग्यता,इनकम टैक्स,संपत्ति,बैंक लोन,गाड़ी,असलहा को लेकर झूठा हलफनामा दाखिल करने का आरोप लगाया गया है। याची असलम राईनी का कहना है कि भाजपा विधायक ने अपनी बहुत सी संपत्ति को छुपाया है जिसका प्रमाण मैं हाईकोर्ट को दे चुका हूं और भाजपा विधायक ने अपनी लगभग 10 करोड की संपत्ति को

5 करोड़ दिखाया है।

 

भाजपा विधायक पर यह भी आरोप है कि पिछले 2017 विधानसभा चुनाव के नामांकन में चुनाव आयोग को अपने आपराधिक मुकदमा,अपनी शैक्षिक योग्यता, संपत्ति,बैंक लोन,को लेकर झूठा हलफनामा उस समय भी दाखिल किया था लेकिन 2017 में किसी ने हाईकोर्ट में इनकी विधायकी को चुनौती नहीं दी थी..

 

आपको बता दें कि भाजपा विधायक रामफेरन पर लगभग 28 साल से विभिन्न मुकदमें दर्ज है,कई बार लकड़ी चोरी के आरोप में उन पर जुर्माना भी लग चुका है तथा कई बार विधायक रामफेरन जेल भी जा चुके हैं और 2017 में उन पर आचार संहिता का उल्लंघन का मामला आज भी दर्ज है..

 

विधायक रामफेरन ने नामांकन दाखिल करते समय निर्वाचन आयोग से तथ्य छुपाए हैं। इस मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद अब विधायक रामफेरन से 30 मई से पहले अपना पक्ष रखने के लिए साक्ष्य मांगा है। जिसका जवाब विधायक रामफेरन को तय समय में देना होगा यदि विधायक साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाए तो हाईकोर्ट इनकी विधायकी को रद्द कर 6 माह में पुनः श्रावस्ती में विधानसभा चुनाव करा सकती है…

 

उत्तरप्रदेश के पूर्वांचल से जुड़े और जमीनी नेता माने जाने वाले असलम राईनी का नाम एक बार फिर सुर्खियों में है आपको याद होगा कि ठीक 2022 विधानसभा चुनाव से पहले बसपा के 6 विधायकों के साथ असलम राईनी ने सपा का दामन थामा था और प्रदेश के सियासी गलियारों में हलचल मचा दी थी

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