T-Series के मालिक गुलशन कुमार : अर्श से फर्श तक की दास्तां

 

संवाददाता अबू सुफियान की रिपोर्ट

गुलशन कुमार एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने अपने मेहनत और संघर्ष का परिचय दिया, जिसका अच्छा उदाहरण T-Series है। आइए पढते है, गुलशन कुमार के जीवन के बारे में….

 

गुलशन कुमार का जन्म

 

गुलशन कुमार का जन्म 5 मई 1951को भारत की राजधानी दिल्ली में एक पंजाबी अरोड़ा परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता ने उनका नाम गुलशन दुआ रखा था। उनके पिता दिल्ली के दरियागंज बाजार में एक फ्रूट जूस विक्रेता थे। उन्होंने अपनी पढाई दिल्ली के देश बन्धु कॉलेज से पूरी की और उसके बाद अपने पिता के काम में जुट गए। महज 23 साल की उम्र में उन्होंने अपने परिवार के साथ मिलकर एक दुकान खरीद ली, और वहां पर ऑडियो कैसेट, अगरबत्ती, सीलिंग पंखा, बोतल का पानी जैसी चीजें बेचना शुरू कर दिया।

 

ऑडियो कैसेट ने पहुंचाया बुलंदी तक

 

उन्हें अपनी ऑडियो कैसेट बिजनेस से बहुत फायदा हुआ, जिस वजह से उन्होंने खुद की अपनी,ऑडियो कैसेट Super Cassette Industries नाम से बनाना शुरू कर दिया। ये कैसेट लोगों के बीच में बहुत लोकप्रिय हुआ और इसी वजह से उन्होंने अपना बिजनेस बढाने के लिए नोएडा में अपनी खुद की कम्पनी भी खोल ली। उनका बिजनेस बढता गया और अब उनकी म्यूजिक कैसेट इंडिया के बाहर भी निर्यात होने लगी। अब म्यूजिक इंडस्ट्री में अपना सिक्का आजमाने के लिए वे मुंबई आ गए। यहां पर उन्होंने बहुत कम रेट पर धार्मिक कैसेट बेचना शुरू कर दिया। अब उनके पास काफी पैसा हो चुका था। सुपर कैसेट से मिली कामयाबी के बाद उन्होने इसका नाम बदलकर T-Series रख दिया। उनका भक्तिभाव में बहुत विश्वास था और उन्होंने माता वैष्णो देवी के यात्रियों के लिए भंडारे का प्रबंध कराया जो वर्तमान समय में भी चल रही है।

 

12अगस्त के दिन

 

12 अगस्त 1997 को रोजाना की तरह वे मुंबई के जीतेश्वर महादेव मंदिर पूजा करने गए पर वापसी के वक्त उनके उपर एक हमला हुआ और तभी इस चमकते हुए सितारे ने दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके चले जाने के बाद उनकी कम्पनी T-Series का कार्यभार बेटे भूषण कुमार ने संभाला और T-Series को एक नई ऊंचाइयों तक ले गए।

 

90 का दशक और दाऊद का खौफ

 

90 के दशक में दाऊद इब्राहिम पूरे मुंबई को हिला रखा था, बड़े-बड़े बिजनेस मैन को दाऊद इब्राहिम डरा धमकाकर पैसे लेता था। उस समय T-Series काफी अच्छा बिजनेस कर रही थी। 1997 में T-Series की कमाई 500 करोड़ रुपए था, T-Series की कमाई को देखते हुए दाऊद ने गुलशन कुमार को 10 करोड़ रूपए देने को कहा, लेकिन गुलशन कुमार ने देने से मना कर दिया और गुलशन कुमार ने कहा की वो इतने रूपये में तो वैष्णो देवी के दरबार में भंडारा करवा देंगे। वैष्णो देवी वाली बात दाऊद को पसंद नहीं आया और फिर 12 अगस्त 1997 को दाऊद इब्राहिम के गुर्गों ने गुलशन कुमार को शिव मंदिर के सामने गोली मारकर हत्या कर दी।

 

आज भी होता है भंडारा का आयोजन

 

गुलशन कुमार अगर चाहते तो 10 करोड़ रूपए दे सकते थे, कोई बड़ी बात नहीं थी, लेकिन उन्होंने अपना ईमान नहीं बेचा। आज भी माता वैष्णो देवी के दरबार में गुलशन कुमार द्वारा वैष्णो देवी यात्रियों के लिए निशुल्क भंडारा एवं प्रसाद वितरण होता है। गुलशन कुमार हम सभी के लिए और आने वाली पीढ़ी के लिए एक मोटिवेशन हैं।

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