नाबालिग लड़की ने तरबगंज पुलिस पर लगाया तहरीर बदलने का आरोप, डीआईजी से गुहार

नाबालिग लड़की ने तरबगंज पुलिस पर लगाया तहरीर बदलने का आरोप, डीआईजी से गुहार

 

एन.के.मौर्य ( क्राइम संवाददाता)

 

गोण्डा- सीएम योगी के कड़े रुख अख्तियार करने के बाद जहां अधिकांश थानों मे कानून व्यवस्था काफी हद तक पटरी पर आ गयी है वहीं अब भी कई थानों में पैसा बोलता है। जिसके लिए यहां तैनात पुलिस वाले हद से गुजरने में तनिक भी गुरेज नही करते, इन्हीं में से एक थाना तरबगंज भी है, जहां नियम कानून को खुलेआम फुटबॉल बनाकर खेला जाता है। यहां पीड़ितों को न्याय देने की बजाय उनका शोषण करके दुश्वारियों के दल दल में धकेला जाता है, जिससे निकलने के लिए पीड़ित दर दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर हो जाते हैं।

 

ऐसा ही एक मामला तरबगंज क्षेत्र की एक नाबालिग लड़की के साथ हुआ है। मामले को लेकर पीड़ित नाबालिग लड़की का कहना है कि वह अपने पड़ोस की सहेली के घर सिलाई सीखने जाती थी जहां उसके भाई ने नाजायज तरीके से उससे शारीरिक संबंध बनाया है। पीडिता का आरोप है कि उसने जब विरोध किया तो उसे मारा पीटा व उसके भाई को भी जान से मारने की धमकी देता रहा, इस बीच नाबालिग पीडिता गर्भवती हो गयी। पीड़िता ने बताया कि आरोपी युवक ने उसका अबॉर्शन करवा दिया। इस बीच जब पीड़ता ने उसका काफी विरोध किया तो उसने धमकी दी कि इस राज को राज रहने देना वरना तुम्हारे भाई को जान से मार डालेंगे, नाबालिग पीडिता का आरोप है कि उसने पूरे मामले को जाहिर करते हुए तरबगंज थाने में तहरीर दी। मगर अपराध छिपाने के लिए वहां तैनात बेखौफ एसआई बब्बन सिंह ने उसके तहरीर को बदलवा दी और संगीन वारदात पर पर्दा डालते हुए छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कर दिया। इस तरह जब पीड़िता की सुनवाई तरबगंज थाने में नही हुई तो उसने पूरे मामले को उजागर करते हुए पुलिस के इस काले कारनामे की गुत्थी खोलते हुए डीआईजी को शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार की है। कितने अफसोस का विषय है कि एक तरफ महिलाओं की सुरक्षा के लिए सीएम योगी के साथ ही जिले के आला अधिकारी हर संभव भागीरथी प्रयास कर रहे हैं वहीं तरबगंज पुलिस सारे निर्देशों को ताक पर रखकर निजी लाभ के लिए पीड़ितों का शोषण करके उन्हें दुश्वारियों के दलदल में धकेल रही है। ये घटना तो महज बानगी भर है यहां आए दिन पीड़ितों की सिसकियां बुलंद हो रही है। मगर खाकी के पीछे छिपा दिल पिघलने का नाम ही नही लेता जिसके चलते पीड़ितों का शोषण जारी है।

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