प्री-ट्रायल सुलह-वार्ता हेतु बैठक सम्पन्न
बहराइच 20 अप्रैल। राष्ट्रीय लोक अदालत 14 मई 2022 की भव्य सफलता सुनिश्चित किये जाने हेतु उ०प्र० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बहराइच द्वारा मा. पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, बहराइच, विद्वान अधिवक्तागण, याचीगण तथा बीमा कम्पनियों के अधिकारियों के मध्य राष्ट्रीय लोक अदालत के लिये प्री-ट्रायल सुलह-वार्ता हेतु बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में अजय कुमार श्रीवास्तव, मा. पीठासीन अधिकारी, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, बहराइच की अध्यक्षता में सम्पन्न हुयी तथा बीमा कम्पनी के अधिकारीगण उनके विद्वान अधिवक्तागण तथा याचीगण व उनके विद्वान अधिवक्तागण के साथ सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बहराइच श्रीमती शिखा यादव उपस्थित रहीं। मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, गेंदघर बहराइच में इस लोक अदालत की पहली प्री-ट्रायल बैठक आयोजित की गयी थी। प्री-ट्रायल बैठक में सुलह वार्ता हेतु 11 पत्रावलियां नियत थी, जिसमें कुछ पत्रावलियों में विद्वान अधिवक्ता व याचीगण के अनुपस्थित रहने से सुलह वार्ता संभव नहीं हो सकी। उनकी अग्रिम सुलह-वार्ता हेतु अगली तिथि दिनांक 27 अप्रैल 2022 नियत की गयी है।
मा. पीठासीन अधिकारी द्वारा समस्त को निर्देशित किया गया कि ऐसे अधिवक्ता अथवा बीमा कम्पनी के अधिकारी जो अपनी पत्रावलियों में सुलह-वार्ता हेतु इच्छुक है, वादों की सूची न्यायालय में प्रस्तुत कर सकते हैं। माननीय पीठासीन अधिकारी द्वारा विद्वान अधिवक्ताओं व बीमा कम्पनी के अधिकारीगण को यह भी निर्देशित किया गया कि अधिकाधिक वादों को चिन्हित कर उनका निस्तारण आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत में करा लिया जाये। इस बैठक में अधिवक्ताओं से लोक अदालत को सफल बनाने में आ रही बाधाओं के बारे में पूछा गया तथा इस संबंध में उनके सुझाव भी लिये गये।
ःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःः
जनपद में संचालित हुआ सघन चेकिंग अभियान
09 विद्युत उपभोक्ताओं के विरूद्ध दर्ज हुई एफआईआर
रू. 30.47 लाख राजस्व की हुई वसूली
बहराइच 20 अप्रैल। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन द्वारा लाइन हानियॉ नियन्त्रित करने एवं राजस्व वूसली के उद्देश्य से 100 दिवसीय कार्ययोजना के अन्तर्गत जनपद बहराइच अन्तर्गत विद्युत वितरण खण्ड-प्रथम बहराइच, द्वितीय नानपारा तथा तृतीय कैसरगंज में उप खण्ड अधिकारियों के नेतृत्व में 19 अप्रैल 2022 को संचालित किये गये गये सघन चेकिंग अभियान के दौरान कुल 882 जॉच कर 09 लोगों के विरूद्ध एफ.आई.आर., 614 संयोजन विच्छेदन की कार्रवाई के साथ-साथ रू. 30.47 लाख राजस्व की वूसली की गयी।
यह जानकारी देते हुए अधीक्षक अभियन्ता मुकेश बाबू ने बताया कि शनिवार को विद्युत वितरण खण्ड-प्रथम बहराइच में संचालित किये गये गये सघन चेकिंग अभियान के दौरान 225 जॉच कर, 02 लोगों के विरूद्ध एफ.आई.आर., 210 संयोजन विच्छेदन की कार्रवाई के साथ-साथ रू. 13.35 लाख राजस्व की वूसली की गयी। जबकि द्वितीय नानपारा अन्तर्गत 322 जॉच कर 02 लोगों के विरूद्ध एफ.आई.आर., 203 संयोजन विच्छेदन की कार्रवाई के साथ-साथ रू. 7.62 लाख राजस्व की वूसली तथा तृतीय कैसरगंज में 335 जॉच कर 05 लोगों के विरूद्ध एफ.आई.आर., 201 संयोजन विच्छेदन की कार्रवाई के साथ-साथ रू. 9.5 लाख राजस्व की वूसली की गयी।
:ःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःः
विद्युत सम्बंधी शिकायतों के निस्तारण के लिए स्थापित किया गया मण्डल कन्ट्रोल रूम
बहराइच 20 अप्रैल। अधी.अभि. विद्युत मुकेश बाबू ने बताया कि सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से प्राप्त शिकायतों के त्वरित निस्तारण एंव व्यवधान रहित गुणवत्तापूर्ण विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित किये जाने के उद्देश्य से मण्डल कन्ट्रोल रूम का संचालन किया जा रहा हैै, जिसका मो.न. 8005494418 है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा विद्युत उपभोक्ता विभाग के हेल्पलाइन नम्बर 1912 पर भी अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। अधी.अभि. मुकेश बाबू ने यह भी बताया कि उपरोक्त के अतिरिक्त विद्युत उपभोक्तागण सम्बन्धित उपकेन्द्र तथा उपकेन्द्रों पर तैनात अधिकारियों के सीयूजी मो.न. पर सम्पर्क करके भी अपनी समस्याओं का समाधान करा सकते हैं।
अधी.अभि. श्री बाबू ने बताया कि उपखण्ड अधिकारी प्रथम-बख्शीपुरा अन्तर्गत विद्युत उपकेन्द्र डीज़ल पावर हाउस के मो.न. 8004794249, दरगाह शिकायत केन्द्र मो.न. 9451650469, कल्पीपारा 8004794248, बख्शीपुरा 8004794002, परसौरा 8004794643 व गुल्लाबीर के लिए मो.न. 8004794276, उपकेन्द्र डीज़ल पावर हाउस, दरगाह व कल्पीपारा के अ.अभि. के मो.न. 9415663139, बख्शीपुरा के अ.अभि. 9415663122, परसौरा के अ.अभि. 9415659738 व गुल्लाबीर के अ.अभि. के मो.न. 9415663163 तथा उप खण्ड के मो.न. 9415663105 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
उप खण्ड अधिकारी द्वितीय घन्टाघर के उप खण्ड अधिकारी के मो.न. 9415663104, उप खण्ड अन्तर्गत उपकेन्द्र सिविल लाइन के मो.न. 8004793105 व अ.अभि. 9415662796, हास्पिटल चौराहा 8004793831 व अ.अभि. 9415662996, घन्टाघर 8004793832 व अ.अभि. 9451648267 तथा बशीरगंज 8004793109 व अ.अभि. 9415662596, उपखण्ड प्रथम नानपारा के उप खण्ड अधिकारी के मो.न. 9415093986, उपकेन्द्र नानपारा 9453007375 व अ.अभि. 8004912077, बंजारन टाण्डा 8004918353 व सहाबा 8004912075 तथा अ.अभि. 8004912072, उप केन्द्र नेवादा 9415097108 व अ.अभि. 9415901555 पर शिकायत दर्ज करायी जा सकती है।
इसी प्रकार उप खण्ड द्वितीय मटेरा के उप खण्ड अधिकारी 9415901551, उप केन्द्र रिसिया व रिसिया टाउन 9453007374 व कटिलिया 9415096012 व अ.अभि. 9415901551, मटेरा 8005493497 व अ.अभि. 8005493247 तथा उपकेन्द्र नवाबगंज 9415098107 व अ.अभि. 8004912077, उप खण्ड तृतीय मिहींपुरवा के उप खण्ड अधिकारी 9415095195, उप केन्द्र कैलाशपुरा 9453007377 व मोतीपुर 9453007376 तथा अ.अभि. 9415901554, उप केन्द्र रायबोझा 9453007378 व अ.अभि. 9415901552, उप खण्ड चतुर्थ महसी के उप खण्ड अधिकारी मो.न. 9415901548, उप केन्द्र महसी 9453007373 व महसी तहसील 9918813246 व अ.अभि. 9415901555, बेहड़ा 8004918355 व अ.अभि. 9451460326 पर शिकायत दर्ज करायी जा सकती है।
इसके अलावा उप खण्ड फखरपुर के उप खण्ड अधिकारी के मो.न. 8960044486, उपकेन्द्र फखरपुर 9838545374 व अ.अभि. 9415901550 तथा उपकेन्द्र तेजवापुर 8953679492 व अ.अभि. 9919093373, उप खण्ड कैसरगंज के उप खण्ड अधिकारी 9415901545, उपकेन्द्र जरवल 8004918359 व जरवल रोड 9125253989 तथा अ.अभि. 8004918360, उपकेन्द्र कैसरगंज व कैसरगंज तहसील 9453007372 व भकला 7275464177 व अ.अभि. 8604287397, उप खण्ड रंजीतपुर के उप खण्ड अधिकारी 7007254950, उपकेन्द्र रंजीतपुर 8005493495 व चिरैय्याटांड 8005493496 तथा अ.अभि. 8004918363, उप खण्ड पयागपुर के उप खण्ड अधिकारी 9453004838, उपकेन्द्र खुटेहना 8004918350 व अ.अभि. 8005493498, पयागपुर 9452323469 व अ.अभि.9453404288 तथा उप खण्ड विशेश्वरगंज के उप खण्ड अधिकारी 9415193807, उपकेन्द्र विशेश्वरगंज व धनुही के अ.अभि. का मो.न. 9919197075 पर शिकायत दर्ज करायी जा सकती है।
:ःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःः
‘‘खेत के ऊपर मेड़, मेड़ के ऊपर पेड़‘‘ मेड़बन्दी विधि अपनाने से बढ़ रहा है भू-जल स्तर
बहराइच 20 अपै्रल। प्रदेश सरकार भू-जल स्तर बढ़ाने के लिए वर्षा जल को खेतों में रोकने के लिए विशेष कार्यक्रम चला रही है। भारतीय संस्कृति में पुरखों की सबसे पुरानी भू-जल संरक्षण विधि ’खेत के ऊपर मेड़, मेड़ के ऊपर पेड़’ वर्षा बूंदे जहॉ गिरे, वहीं रोंके। जिस खेत में जितना पानी होगा, खेत उतना अधिक उपजाऊ होगा। मानव जीवन की सभी आवश्यकताएं जल पर निर्भर है तभी तो जल ही जीवन कहा गया है। मनुष्य को जब से भोजन की आवश्यकता पड़ी होगी हमारे पुरखों ने भोजन का आविष्कार किया होगा।एक स्थान पर फसल उगाया गया होगा, फसलें पैदा की गई होगी। जमीन समतल कर खेती योग्य बनाया गया होगा। खाद्यान्न पैदा करने के लिए खेत का निर्माण तय हुआ होगा, तभी से मेड़बन्दी जैसी जल संरक्षण की विधि का आविष्कार हुआ होगा। यह हमारे देश के पुरखों की विधि है जिनसे खेत खलिहान का जन्म हुआ है। जिन्होंने जल संरक्षण की परम्परागत प्रमाणित सरल सर्वमान्य मेड़बन्दी विधि का आविष्कार किया है।
मेड़बन्दी से खेत में वर्षा का जल रूकता है, और भू-जल संचय होता है। इससे भू-जल स्तर बढ़ता है और गॉव की फसलांे का जलभराव के कारण होने वाले नुकसान से बचाता है। भूमि के कटाव के कारण मृदा के पोषक तत्व खेत में ही बने रहते है, जो पैदावार के लिए आवश्यक है। नमी संरक्षण के कारण फसल सड़ने से खेत को परम्परागत जैविक खाद की ऊर्जा प्राप्त होती है। मेड़बन्दी से एक ओर जहॉ भूमि को खराब होने से बचाव होता है वहीं पशुओं को मेड़ पर शुद्ध चारा, भोजन प्राप्त होता है। इसे मेड़बन्दी, चकबन्दी, घेराबन्दी, हदबन्दी, छोटी मेड़बन्दी, बड़ी मेड़बन्दी तिरछी मेड़बन्दी सुविधानुसार जैसे अलग क्षेत्रों मंे अलग-अलग नामों से जाना जाता है। धान, गेहूॅ की फसल तो केवल मेड़बन्दी से रूके जल से ही होती है। हमारे देश के पूर्वज जल रोकने के लिए खेत के ऊपर मेड़, मेड़ के ऊपर फलदार, छायादार औषधीय पेड़ लगाते थे। जिसकी छाया खेत में फसल पर कम पड़े जैसे बेल, सहजन, सागौन, करौंदा, अमरूद, नीबू, बेर, कटहल, शरीफा के पेड़ लगाये जा सकते हैं। यह पेड़ इमारती लकड़ी आयुर्वेदिक औषधियों, फलों के साथ अतिरिक्त आय भी देती है। इन पेड़ों की छाया खेत में कम पड़ती है। इनके पत्तों से खेत को जैविक खाद मिलती है, पर्यावरण शुद्ध रहता है। मेड़ के ऊपर हमारे पुरखे अरहर, मूंग, उर्द, अलसी, सरसों, ज्वार, सन जैसी फसलें पैदा करते रहे हैं जिन्हें पानी कम चाहिए। जमीन सतह से ऊपर हो, मेड़ से अतिरिक्त उपज की फसल ले सकते हैं। मेड़बन्दी से उसर भूमि को उपजाऊ बनाया जा रहा है। जहॉ-जहॉ जल संकट है उसका एकमात्र उपाय है वर्षा जल को अधिक से अधिक खेत मंे मेड़बन्दी के माध्यम से रोकना चाहिए।
मेड़बन्दी के माध्यम से खेत में वर्षा जल रोकने के लिए देश के मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश भर के प्रधानों को पत्र लिख मेड़बन्दी कर खेत में वर्षा बूंदों को रोकने की अपील की है। प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि परम्परागत विधियों से भू-जल संरक्षण करें। जिससे हमारी भूजल सम्पदा बनी रहे। हमारे देश में बड़ी संख्या में तालाब, कुओं, निजी ट्यूबबेल के सिंचाई साधन होने के बावजूद भी कई हजारों हेक्टे0 भूमि की खेती वर्षा जल पर निर्भर है। वर्षा तो हर गॉव में होती है, वर्षा के भरोसे खेती होती है। खासकर बुन्देलखण्ड के इलाके में पहाड़ी, पठारी क्षेत्र के खेतों में मेड़बन्दी के माध्यम से जल रोककर उपजाऊ बनाया जा रहा है। किसान ड्रिप पद्धति, टपक पद्धति, फुहारा पद्धति किसी भी पद्धति से फसल की सिंचाई करें पानी तो सभी विधि को चाहिए, इसलिए जल संरक्षण जरूरी है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने किसानों के लिए खेत का पानी खेत में रोकने पर बल दिया है। सामुदायिक आधार पर जल संरक्षण की प्राचीन परम्परा हमारे देश में रही है, सिंचाई के दो ही साधन है या तो भू-जल या वर्षा जल। भू में जब जल होगा, तभी नवीन संसाधन चलेंगे। आज भूमिगत जल पर जबरदस्त दबाव है। भू-जल नीचे चला जा रहा है। इसलिए भूजल का संरक्षण मेंडबन्दी से किया जा रहा है। यदि वर्षा बूंदों को पकड़ना है तो मेड़बन्दी जरूरी है यह कोई बड़ी तकनीक नहीं है। चौड़ी ऊॅची मेड़ अपनी मेहनत और श्रम से खेत में बनाई जा सकती है। जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होगी और भूजल स्तर भी बढेगा।
ःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःः