*हद हो गई पिहानी बैंक आफ इंडिया कटरा बाजार की शाखा में उपभोक्ता अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं*
ताहिर खान
बैंक में नहीं हैं सुविधाएं, स्टाफ की कमी के कारण परेशान हो रहे हैं उपभोक्ता
सूचना पर तत्काल पहुंचे कस्बा इंचार्ज धर्मेंद्र विश्नोई, राजेश कुमार व सुनील कुमार ने मौके पर जाकर बैंक को चेक किया तो एक भी कर्मचारी स्टाफ का नहीं मिला, केवल चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मौजूद थे, हल्ला करने वाले उपभोक्ताओं को कस्बा इंचार्ज धर्मेंद्र विश्नोई ने समझाया बुझाया
बैंक ऑफ इंडिया के कर्मचारी सोमवार को बैंक बंद करके कनेक्टिविटी का बहाना बना बना रहे
पिहानी कस्बे की कटरा बाजार बैंक ऑफ इंडिया शाखा कर्मचारियों की मनमानी के चलते बैंक से टूट रहा भरोसा
कई किसान बैंक में भुगतान को में काट रहे हैं चक्कर , बिटिया के करने हाथ पीले ,नहीं हो रहा भुगतान
पिहानी कस्बे के कटरा बाजार शाखा में ग्राहकों के लिए सुविधाओं का अभाव है। राष्ट्रीयकृत बैंक की इस शाखा में आसपास के करीब दो सौ गांव जुड़े हुए हैं। बैंक में रोजाना हजारों ग्राहक लेन देन के लिए पहुंचते हैं। लेकिन बैंक में सुविधाएं नहीं होने के कारण लोगों को परेशानी होती है। कर्मचारियों की लापरवाही कहें या मनमानी, क्षेत्र के संभ्रांत व पुराने खाता धारकों में बैंक की कार्यशैली को लेकर कड़ा रोष है। हद तो तब हो गई जब बड़े खातेदारों ने इसमें खाता निरस्त कराने तक की सोच डाली। बैंक कर्मचारियों की मनमानी के आगे बेचारे किसान, व्यापारी व आम आदमी खुद के पैसे का सही समय भुगतान न हो पाने के कारण बैंक ऑफ इंडिया पर आस्था टूटती जा रही है। हालांकि बैंक ऑफ इंडिया कटरा बाजार शाखा कस्बे की सबसे पुरानी बैंक है, परंतु स्टाफ की कार्यशैली ठीक न होने के कारण लोगों का इससे इस पर विश्वास हटता जा रहा है। बैंक की साख पर भी एक दाग लग रहा। ठीक ऐसा ही नजारा सोमवार को देखने को मिला।हकीकत में सोमवार को स्टाफ की बैंक में कमी रही ,परंतु मौजूद कर्मचारी बैंक में कनेक्टिविटी न होने के कारण भुगतान न होने की बात कहकर ग्राहकों को बैंक से बाहर निकाल दिया गया। बेचारे गांव से आया किसान तेज धूप में सड़क पर खड़े होने को मजबूर हो गया।
बैंक में पेयजल की व्यवस्था नहीं होने के कारण उमस भरी भीषण गर्मी में लोग पानी के लिए परेशान होते रहते है। बैंक में एक वॉटर कूलर भी नहीं लगा है ।
वहीं बैंक के नियमों की जानकारी नहीं होने पर ग्राहक बैंक कर्मियों से पूछताछ करते हैं तो बैंक के कर्मचारियों द्वारा ग्राहकों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। बैंक में स्टाफ की कमी पहले से ही है। ऐसे में किसी कर्मचारी के अवकाश पर जाने की स्थिति के कारण कुछ मिनटों में होने वाला काम कई दिनों में हो पाता है।
200 गांवों के हजारों लोग पहुंचते है रोजाना बैंक में
बैंक शाखा के बाहर भीषण गर्मी में फर्श पर बैठे ग्राहक।
नियमों की पेचीदगी के कारण परेशान हो रहे पेंशनर
बैंक में आए इन वृद्धों को बैंक में इज्जत से बिठाना तो दूर पेयजल भी उपलब्ध नहीं कराया जाता। सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा वृद्धों, विधवा महिलाएं और दिव्यांग लोगों को जीवन यापन के लिए मासिक पेंशन दी जाती है। पेंशन को निकालने के लिए लोगों की खासी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।