. *🏵️शुगर🏵️*
शुगर के मरीज को एक दिन में एक ही फल खाना चाहिए।
जैसे आज पपीता खाया तो अगले दिन अमरूद खाएं।
उस से अगले दिन अन्नानास खा लें।
फिर अगले दिन सेब खा लें।
पूरे दिन मे एक नींबू जरूर किसी भी तरह से अपनी डाइट में शामिल करें।
अगर वजन बढ़ भी गया हो तब भी कभी डाइटिंग न करें।
अन्न न छोड़े।
दो रोटी की बजाए चाहे एक खाएं।
*शुगर बढ़ने का सबसे बढ़ा कारण अन्न है।*
आप आटे को हल्का सा भून लें।
फिर उसकी रोटी बनाकर खाएं।
इससे शुगर का लेवल एकदम से ठीक होगा।
और चोकर मिलाकर आटे का इस्तेमाल करें।
रोटी कम खाएं सब्जी ज्यादा खाएं।
सुबह पूरा अच्छे से भारी नाश्ता करें।
*अलसी का इस्तेमाल करें।*
अलसी को हल्का सा भून लें।
बाजार से भी भूनी हुई अलसी मिल जाती है।
इसे मिक्सी में पीस लें।
काँच की शीशी में रखे।
अब अलसी के पाउडर को दही मे ढूध में सब्जियो में रोटी में भरकर खाएं।
रोज एक शुगर के रोगी को 50 ग्राम अलसी अपनी डाइट में शामिल करनी चाहिए।
अलसी में बहुत फाइबर्स होते हैं।
जिससे पेट भर जाता है।
बार-बार भूख नही लगती।
*अलसी शुगर को जड़ से खत्म करता है।*
सारे जोड़ो के दर्द को खत्म करता है।
और बहुत ताकत देता है।
नियम से ढूध पिएं।
केल्शियम का ध्यान रखें।
दो-तीन दिन में केला जरूर खाएं!
सर्दियों में धूप ले!
अभी सर्दियों में गाजर का मौसम शुरू हो जाएगा
रोज गाजर-मटर की सब्जी खाएं!
नियम से गाजर का जूस पिएं।
शुगर के मरीज की आँखे भी बहुत कमजोर हो जाती है!
गाजर से शरीर मे ताकत के साथ आँखो की रोशनी भी बढ़ेगी।
गाजर को सलाद के रूप में भी खाए!
एक ग्राम दालचीनी ढूध में डालकर पिएं!
शुगर के रोगी एकदम से सारी चीजों को एकसाथ छोड़ देते है।
ऐसा न करे,,थोड़ा-थोड़ा कुछ -कुछ अंतराल में जरूर खाए।
ताकि इम्यून सिस्टम ठीक रहे!
नियम से सैर करे।
चाहे थोड़ा सा ही पैदल चले।
किसी योग्य व्यक्ति से कुछ योग सीखकर नियम से करे!
*शुगर के रोगी को नमक कम खाना चाहिए।*
नमक आस्माटिक बैलेंस को शरीर मे बनाए रखता है।
अगर ये बिगड़ जाए तो ये हार्मोनल डिसऑर्डर पैदा करने लगता है!
*कभी भी दालों मे सब्जियों में ऊपर से नमक डालकर न खाए।ये हमारे शरीर को बहुत नुकसान पहुचाता है।*
शुगर के रोगी का इम्यून-सिस्टम बहुत कमजोर हो जाता है जिसकी वजह से अगर कोई चोट या घाव हो जाए तो जल्दी से ठीक नही होता इसके लिए आप रात को सोते समय आखिरी खुराक के रूप मे हल्दी-ढूध का नियमित सेवन करें।ताकि हल्दी के रूप मे कैल्शियम भी मिले।
और रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी।
जब भी शरीर मे कोई चोट या घाव हो जाए।
तो उसका जल्दी से जल्दी उपचार करें!