यमदूत’ बनकर सड़क पर दौड़ रहे गन्ना से लदे ओवरलोड किसान की आढ़ में माफियाओ के ट्रक, ट्रैक्टर- ट्राला।

‘यमदूत’ बनकर सड़क पर दौड़ रहे गन्ना से लदे ओवरलोड किसान की आढ़ में माफियाओ के ट्रक, ट्रैक्टर- ट्राला।

पिहानी बस स्टैंड पर ओवरलोडेड ट्रैकों से लगता है भीषण जाम,प्रतिवर्ष सड़क हादसे में होती है दर्जनों मौतें

लापरवाही:सड़कों पर बिना रेडियम रिफलेक्टर लगाए दौड़ रहे ट्रैक्टर-ट्रॉली, हादसों की आशंका

प्रशासन लापरवाह

पिहानी । गन्ना से भरे ओवरलोड ट्रैक्टर- ट्राला सड़क पर यमदूत बनकर दौड़ रहे हैं वही पुलिस प्रशासन लापरवाह बना हुआ है ।
ओवरलोडिंग रोकने में प्रशासन नाकाम साबित होता दिखाई दे रहा है। यहां प्रतिदिन ट्रैक्टर-ट्रॉली में ओवरलोड गन्ना भरकर ढोया जा रहा है,जो सड़क पर आम जनमानस के लिए खतरा बना हुआ है। खास बात यह कि ज्यादातर ट्रैक्टर-ट्रॉली बिना परमिट के चले रहे हैं। वहीं पुलिस और परिवहन विभाग का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।स्थानिय पुलिस मूकदर्शक बनी बैठी रहती है जिससे कभी बड़ा हादसा हो सकता हैं।यह नजारा आप खुद ही देख सकते ह

ओवरलोड ट्रेक्टर ट्रालों को देखकर राहगीरों की अटक जाती हैं सांसें।

इस समय गन्ना पेराई सत्र चल रहा है। माफिया अपना गन्ना ट्रैक्टर-ट्रॉली से चीनी मिलों को ले जा रहे हैं। वहीं किराये पर चलने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉली में ओवरलोड गन्ना भरा जा रहा है। इन वाहनों के चालक ज्यादा मुनाफा के चलते ट्रॉला में ओवरलोड गन्ना भरवाते हैं। जब ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉली सड़क पर चलते हैं, तो राहगीरों की सांसें अटक जाती हैं। क्षमता से ज्यादा गन्ना भरा होने के कारण ट्रैक्टर आगे से उठ-उठ कर चलते हैं। जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता हैं।
वैसे तो सेन्टर से गन्ना ट्रकों के जरिए मिलों तक पहुंचाया जाता है, लेकिन चीनी मिलों और परिवहन विभाग की मिलीभगत से ट्रॉलों में गन्ना ढोया जा रहा है। ट्रक में 110 कुंतल गन्ना ले जा सकता है, जबकि ट्रॉले में दो सौ लेकर तीन सौ कुंतल से तक गन्ना ढोकर चीनी मिलों में जा रहा है। चीनी मिल मालिक अपने कागजों में ट्रक से लोडिंग दर्शाते है, लेकिन हकीकत यह है गन्ना ट्रॉलों से ढोया जा रहा है। दूसरी तरफ लंबे समय से सड़कों पर दौड़ रहे कई वाहनो, कृषि और व्यावसायिक ट्रैक्टर-ट्रॉली में रिफ्लेक्टर नहीं लगे हैं। ट्रॉलियों में बैक लाइट न होने से रात में पीछे चलने वाले लोगों के साथ हादसे की संभावना रहती है। जबकि अब सीजन में इनकी संख्या बढ़ेगी। रात में ऐसे वाहनों से अधिक दिक्कत होती है। साथ ही सरिए से भरी ट्रॉलियों पर भी यातायात पुलिस द्वारा काेई कार्रवाई नहीं की जाती है। जिससे इन वाहन चालकों के हौसले दिन प्रतिदिन बुलंद होते जा रहे हैं।

Related posts

Leave a Comment