कुंभकर्णीय नींद से जागे सीएचसी अधीक्षक ने महेवागंज में की छापेमारी, सिर्फ एक सीज महेवागंज-खीरी। “स्कालर टाइम्स” समाचार पत्र ने लगातार प्रमुखता से महेवागंज कस्बे के अवैध अस्पतालों व हास्पिटलों की खबरें प्रकाशित करता रहा है। एक दिन पहले ही महेवागंज कस्बे के अवैध हास्पिटलों की खबर को छापा था। तभी इधर सोमवार को कुंभकर्णीय नींद से जागे फूलबेहड़ सीएचसी अधीक्षक डाक्टर अमितेश दत्त दिवेदी ने कस्बे में बगैर रजिस्ट्रेशन चल रहे हॉस्पिटलों व झोलाछाप डाक्टरों के यहाँ छापेमारी कर दी। लेकिन यह छापेमारी सिर्फ दिखावा साबित हुई। क्योंकि कस्बे में अवैध अस्पतालों व झोलाछापों की भरमार है। रजिस्ट्रेशन के बोर्ड लगे हुए उन पर बड़े बड़े डाक्टरों के नाम अंकित रहते हैं पर हकीकत में वह डाक्टर कभी अस्पतालों में मरीजों को देखने नहीं आते। जबकि आदेशानुसार अस्पताल संचालकों को डाक्टरों की डिग्री, विशेषता व उनके फोटो छपे होने चाहिए लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। हालांकि सोमवार को स्वास्थ्य विभाग टीम की छापेमारी से कस्बे के हॉस्पिटल संचालकों में हड़कंप जरूर मच गया। छापेमारी में टीम ने सिर्फ एक हॉस्पिटल को सीज किया है और दूसरे को तीन दिन में हॉस्पिटल बन्द करने का अल्टीमेटम दिया है।
सीएचसी अधीक्षक ने अपनी टीम के साथ महेवागंज कस्बे में चल रहे के पारस हॉस्पिटल में छापेमारी कर उसे सीज कर दिया। तथा एस ए हॉस्पिटल में छापेमारी की लेकिन अस्पताल संचालक के न मिलने व अस्पताल के अंदर से मकान मालिक का रास्ता होने के चलते मालिक को तीन दिन में बिल्डिंग से अस्पताल हटवाने की चेतावनी दी। कस्बे में स्वास्थ्य विभाग की सूचना पाकर अवैध रूप से चल रहे अस्पतालों व क्लीनिकों के संचालकों में हड़कंप मच गया। संचालक अपने अपने अस्पताल व क्लीनिक बन्द कर मौके से फरार हो गये। स्वास्थ्य विभाग की टीम जाने के बाद ही लोगों ने राहत की सांस ली। मजे की बात तो यह है कि इन्हीं अधीक्षक ने लाकडाऊन के चलते दुबग्गा बाजार रोड के झोलाछाप सद्दाम समेत करीब आधा दर्जन अवैध अस्पतालों को सीज किया था। करीब छः माह के बाद इन्हीं अधीक्षक महोदय ने सपथपत्र लेकर सील किये गए सभी अस्पतालों को यह कहकर अभयदान दे दिया था कि वह किराए के मकानों व दुकानों में चल रहे थे। जिसके बाद तब से लेकर आज तक वह सभी अवैध अस्पताल अधीक्षक के रहमोकरम से लगातार संचालित हो रहे हैं।