जिन्दगी से हार चुके थे फिर से जाग गई जीने की नई उम्मीद दानपात्र बना सहारा

जिन्दगी से हार चुके थे फिर से जाग गई जीने की नई उम्मीद दानपात्र बना सहारा

जरूरतमंद लोगों की सेवा में हमेशा तत्पर रहने वाली समाजसेवी संस्था दानपात्र मथुरा के सदस्यों को यह बुजुर्ग काका गोवर्धन चौराहे के पास सड़क किनारे फुटपाथ पर बहुत ही बुरी स्थिति में पड़े मिले इनसे बात करने पर पता चला कोरोना के चलते एक दर्दनाक हादसे में इन्होंने अपने पूरे परिवार को खो दिया उस हादसे के बाद इनकी पूरी दुनिया ही बदल गई तब से वे इसी तरह फुटपाथ पर अपना जीवन बसर कर रहे हैं जानने ने पर पता चला उनकी उम्र उम्र 65 वर्ष से भी ज्यादा है इनकी जो स्थिति थी उसे हम शब्दों में बयां नहीं कर सकते मथुरा संस्था दानपात्र के सदस्य ने इन्हें इस परिस्थिति से बाहर निकालने का प्रयास किया बुजुर्ग काका के सारे गंदे कपड़े उतरवाकर इनके बाल कटने के साथ इन्हें स्नान करवाया गया कपड़े एवं अन्य जरूरत का सामान देकर उनके जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास किया गया।

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