*बस्तुआ में 13लाख के स्टॉप डेम मे चल रहा गुणवत्ता विहीन कार्य, जिम्मेदार बेखबर।*

*बस्तुआ में 13लाख के स्टॉप डेम मे चल रहा गुणवत्ता विहीन कार्य, जिम्मेदार बेखबर।*

प्रवीण शुक्ला

सीधी के कुशमी जनपद में मनरेगा का भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है हर बार मीडिया के द्वारा मनरेगा के भ्रष्टाचार का खुलासा किया जाता रहा है लेकिन जनपद एवं जिला पंचायत के आला अधिकारियों के द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है,जिससे बेहिचक मनमानी कार्य पोडी क्षेत्र मे चल रहे है इससे साफ जाहिर हो रहा है कि सबके सहमत से ही मनरेगा में खुलेआम भ्रष्टाचार चल रहख है
मामला इस बार फिर जनपद पंचायत कुसमी के बस्तुआ के मेढ़की गाँव से निकल कर आया है जहां पर करीब 13 लाख रुपये का स्टॉप डेम का कार्य चल रहा है स्थल पर किसी तरह की कोई सूचना बोर्ड नहीं लगाया गया है,और वहां गुणवत्ता विहीन कार्य कराया जा रहा है।

*लेवरो ने खोली पोल*

स्थानीय मीडिया के द्वारा जब 13लाख के डैम निर्माण कार्य में लगे लेबरो से बातचीत की गई तब लेबर ने बताया कि रेत 8 तगाड़ी और गिट्टी 10 तगाड़ी और सीमेंट 1 तगाड़ी डालते हैं, वही नाले से रेत निकल कर स्टॉप डेम में लगाया जाता हैं जिसमे मिट्टी रहित रेत हैं फिर भी उसी रेत का उपयोग किया जा रहा हैं मामले के संवंध मे कोई सक्षम जिम्मेदार अधिकारी एवं इंजीनियर स्टॉप डेम को देखने भी नहीं गये है वहां मनमानी तरीके से ग्राम पंचायत के द्वारा घटिया काम कराया जा रहा है।

*कमीशन तक सीमित है इंजीनियर साहब*

बता दे कुसमी जनपद पंचायत के पोड़ी सेक्टर में इंजीनियर अशोक सिंह को पदस्त करके निर्माण कार्यों को कराने की जिम्मेदारी दी गई ,मुख्यालय से दूर होने के कारण उनके द्वारा ऐसे कई कार्य कराये जा चुके है जो घटिया है और जांच होने पर खुलाशा हो सकता है,साथ ही जहां भी मनरेगा के निर्माण कार्य हो रहे हैं वह गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य कराया जा रहा है कई बार मीडिया की सुर्खियों में भी इंजीनियर के कार्य एवं भ्रष्टाचार का खुलासा किया गया है यहा तक कि मामले मे एसडीएम ने भी दोषी करार दिया है लेकिन जिले के कुछ ऐसे जिम्मेदार अधिकारी हैं जो उन्हें ऐसे गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य कराने के लिए पदस्त किये हुये है। वही क्षेत्र में चर्चा का विषय है कि इंजीनियर साहब को सिर्फ पैसे दे दो और अपने मन मुताबिक घटिया निर्माण कार्य कर लो यह चर्चा का विषय है कि इंजीनियर साहब सिर्फ अपनी कमीशन तक ही सीमित है।क्यूकि ऊपर तक कमिशन देना पडता है।शायद यही कारण है कि घटिया काम मनरेगा मे किये जा रहे है।

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