*रंजिश के चलते फर्जी मुकदमे में फसाने के लिए कई घंटे तक चलता रहा हाई वोल्टेज ड्रामा*

*रंजिश के चलते फर्जी मुकदमे में फसाने के लिए कई घंटे तक चलता रहा हाई वोल्टेज ड्रामा*

भारतीय संविधान में महिला सम्मान को बरकरार रखने के लिए कई नियम व प्रावधान है लेकिन आजकल जिस तरह से एक दूसरे के प्रति द्वेष भावना के कारण इन प्रावधानों का अनुचित इस्तेमाल करते हुए लोगों को फर्जी मुकदमों में फसाया जा रहा है उससे लोगो के मन में कानून के प्रति हीनता की भावना उत्पन्न हो रही हैं

ऐसा ही मामला सामने आया हैं राजधानी लखनऊ के काकोरी स्थित कठिंगरा गांव से जहाँ मो० रिजवान को फर्जी तरीके से फसाने के लिए गांव की ही निवासी रेनू रावत हर तरह की कोशिश करने को आतुर हैं इसी के चलते आज काकोरी थाना परिसर में स्थित पेड़ पर चड़कर उक्त महिला ने लगभग 1 घंटे तक हाई वोल्टेज ड्रामा किया व मो रिजवान पर मुकदमा लिखाने को आतुर हो गयी जिसके बाद किसी तरह पुलिस द्वारा आश्वासन देकर व मो रिजवान पर मुकदमा लिखने की बात कहकर उक्त महिला को नीचे उतारा गया।

लेकिन गौर करने वाली बात यह हैं कि क्या सिर्फ किसी को आश्वासन देने के कारण किसी व्यक्ति पर बिना किसी जाँच किये बगैर मुकदमा लिखा जा सकता हैं?

वहीं दूसरी तरफ मो रिजवान का कहना है कि यह सब पूर्णता रंजिश के तहत किया गया हैं उनकी व रेनू रावत के पिता के मध्य पुराना जमीनी विवाद था जिसके कारण उक्त महिला व उसका परिवार रिजवान से रंजिश रखता हैं इसके साथ ही 2015 में हुए पंचायती चुनाव के दौरान मो0 रिजवान व उक्त महिला की परिवार से विद्या चुनावी मैदान में आमने सामने थे जिसमे मो० रिजवान ने विद्या को एक तिहाई से हराकर चुनाव में जीत हासिल की थी जिसके उपरांत उक्त महिला का परिवार मो रिजवान से बैर रखने लगा। जिसके बाद से उक्त महिला व उसके परिवार के लोगो ने मो० रिजवान को फसाने की हर पुरजोर कोशिश की परंतु हर आरोप दोषमुक्त पाया गया इसी के तहत 16/05/2020 को उक्त महिला की माता द्वारा मो रिजवान पर मारपीट व जान से मारने की कोशिश का मुकदमा दर्ज करवाया गया था जिसकी विवेचना करने पर पुलिस द्वारा यह आरोप दोषमुक्त पाया गया था । वहीं आज भी उक्त महिला के द्वारा काकोरी थाना परिसर मे हाई वोल्टेज ड्रामा किया गया परंतु हैरानी की बात यह हैं कि पुलिस इस ड्रामा को मूकदर्शक की भाति देखती रही व उक्त ड्रामे को रोकने के लिए पूर्व प्रधान मो० रिजवान पर मुकदमा लिखने की बात कहकर अपना रास्ता साफ कर लिया । ऐसे में मुख्यतः यह सवाल उठता हैं कि अगर कोई महिला आत्महत्या का खुलेआम प्रदर्शन करती हैं तो क्या किसी व्यक्ति पर बिना जाँच किए मुकदमा दर्ज कर दिया जायेगा?

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