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*राज्यपाल ने राजभवन में आयोजित प्रादेशिक फल,शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी-2023 के विविध स्टालों का अवलोकन किया*
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*नवीन तकनीक से उगाये गए पुष्पों, सब्जियों की प्रकिया अनुकरण करने योग्य*
मोटे अनाज से बने उत्पादों को विपणन से भी जोड़ा जाये कृषि से खाद्य के अतिरिक्त विपणन प्रयोग भी सराहनीय
प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी ने आज राजभवन में आयोजित प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी-2023 के विविध स्टालों का अवलोकन किया। उन्होंने दूर-दराज से प्रदर्शनी में आए प्रतिभागियों का उत्साहवर्द्धन करते हुए उनके उत्पादों को क्रय भी किया। राज्यपाल जी ने एक ही गमले में नयी तकनीक से उगाये गये दो विविध फूलों और सब्जियों की प्रक्रिया को अनुकरणीय बताते हुए राजभवन में भी इस प्रयोग को स्थापित करने को कहा।
प्रदर्शनी में प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा भी अपने स्टॉल लगाये गये हैं। राज्यपाल जी ने क्षेत्र विशेष के विशिष्ट कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने हेतु विश्वविद्यालयों को अन्य क्षेत्रों के उत्पादन में विशेषताओं को विकसित कराने हेतु सहयोग करने को कहा। उन्होंने मोटे अनाज से बने विविध उत्पादों की विशेष सराहना करते हुए इसका प्रचार-प्रसार करने और विपणन के लिए बड़े बाजारों से जोड़ने को कहा। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के स्टाल का अवलोकन करते हुए राज्यपाल जी ने रासायनिक प्रयोग के बगैर बनाए गए हर्बल पेय का स्वयं भी आनंद लिया और प्रशंसा की।
इसी क्रम में राज्यपाल जी ने सूखी लौकी से बने वाद्य-यंत्र का अवलोकल भी किया। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों का खाद्य के अतिरिक्त विपणन प्रयोग सराहनीय है। ऐसे उत्पादन किसानों की आय वृद्धि के लिए विविधताओं को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने प्रगतिशील किसानों द्वारा विविधताओं से भरी शाक-भाजी उत्पादन में बंदगोभी, शिमला मिर्च, टमाटर के उत्पादों का अवलोकन किया और खेती में नवीनताओं को बढ़ावा देने की सराहना की। इसी दौरान राज्यपाल जी ने प्रदर्शनी में आये एक 85 वर्षीय बुजुर्ग किसान द्वारा गाए गये कृषि गीत का भी आनंद लिया।
यहां बताते चलें कि राजभवन में 17 फरवरी से 20 फरवरी 2023 तक चार दिवसीय प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन चल रहा है। इसमें कुल 48 क्लास और 628 वर्ग प्रतिभाग कर रहे हैं। प्रदर्शनी जन सामान्य के अवलोकनार्थ खुली हुई है।