*#न्यूज फ्लैश अयोध्या#*
*दबंग बड़ा भाई छोटे भाई की पुश्तैनी जमीन पर चकबंदी प्रक्रिया के दौरान*
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*संबंधित अधिकारियों को गुमराह कर बेशकीमती जमीनों को किया अपने नाम*
*मिल्कीपुर इनायतनगर*
यह मामला कहीं और का नहीं जनपद के बहुचर्चित तहसील मिल्कीपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत निमड़ी पूरे सुख मंगल पंडित का पुरवा का है।
जहां के निवासी राम बदल पाठक पुत्र पुटुरू पाठक मीडिया से मुखातिब होते हुए बताया कि मेरे बड़े भाई राम भुलावन धर्मेंद्र कुमार अपनी दबंगई व जबरदस्ती से मेरे घर व भूमि पर जबरन कब्जा कर लिया है।
जबकि राम भुलावन पाठक द्वारा प्रार्थी राम बदल पाठक के ऊपर दीवानी न्यायालय में वाद भी प्रस्तुत कर रखा है।
जिसका मुकदमा संख्या 184/22 सिविल जज सदर जूनियर डिवीजन महोदय अयोध्या के यहां चल रहा है।
जिसकी पेशी दिनांक 12/02/2023/ को लगी थी वही पीड़ित राम बदल पाठक का कहना है कि बीते दिनों कुछ दबंगों को इकट्ठा करके 01/01/2023/ को मेरे घर का ताला तोड़कर जबरन कब्जा कर लिया जिसमें रामखेलावन पाठक,नंदन पासी व धर्मेंद्र सम्मिलित थे।
वहीं पीड़ित राम बदल पाठक द्वारा थाना प्रभारी अमरजीत सिंह को लिखित प्रार्थना पत्र भी दिया गया था
जहां मौके वारदात पर पुलिस बल इन दबंगों को पकड़ कर लाई और सीआरपीसी धारा 151व 107/116 में चालान किया गया।
लेकिन शाम तक जब इनको जमानत मिली तो पीड़ित परिवार के घर के सामने जाकर भद्दी भद्दी गालियां देने लगे।
वही पीड़ित पक्ष का कहना है कि मौके वारदात का निरीक्षण करने पहुंचे थाना प्रभारी तो उनके द्वारा स्थिति को गंभीरता से लेते हुए घर में ताला लगा दिया गया।
वही दबंग राम भुलावन पाठक द्वारा दो-तीन दिन बीतने के बाद एक और ताला लगा दिया गया।
जिसकी सूचना पीड़ित के द्वारा थाना प्रभारी को दी गई पर पीड़ित राम बदल पाठक का कहना है कि घर के हालत ठीक न होने के कारण मैं नोएडा चला गया जहां पर मेहनत मजदूरी का कार्य करता रहा
जिसके बीच मेरे भाई द्वारा चकबंदी के दौरान जो भूमि काली सड़क के किनारे थी उसे अपने नाम करा लिया और जो भूमि जंगल के किनारे थी उसे मेरे नाम करा दिया गया
जिसकी जानकारी जब पीड़ित हुई तो तहसील जाकर वकीलों के माध्यम से जानकारी लेनी चाही तो संपूर्ण घटना सही पाई गई।
तब से पीड़ित राम बदल पाठक पिछले 1 वर्ष से तहसील व न्यायालय का चक्कर लगा रहा पर संबंधित अधिकारी कुंडली जमाए बैठे
अब देखने की बात है कि जिला प्रशासन द्वारा इस मामले पर क्या कार्रवाई की जाती है, यह सोचने का विषय है।
*अयोध्या ब्यूरो रिपोर्ट*