भूकंप के केंद्र के करीब कहरामनमरास शहर में अलाव जल रहा है. वहां हज़ारों इमारतें भूकंप की ताक़त से भरभरा कर गिर चुकी हैं. इस शहर में बेघरबार लोगों की तादाद भी बहुत है.
वहां एक जगह एक परिवार बैठा है. उनकी हिम्मत नहीं कि वो अपने गिरे हुए घर के क़रीब जाएं. ये अलाव ही उनके लिए अब एक सुरक्षा का कवच है. आग की लपटें उनके हाथों को कुछ को गर्माहट दे रही हैं.
नेसेत गुलेर कहते हैं, “हम बड़ी मुश्किल से बचे हैं. हम अंतिम समय में अपने चार बच्चों के साथ, जैसे-तैसे बाहर निकले. ये एक बड़ी तबाही है. अब हम बिना पानी और भोजन के यहां बैठे हैं और राहत का इंतज़ार कर रहे हैं.”
यहाँ सबको राहत का इंतज़ार है लेकिन जितनी तबाही हुई है इस मात्रा में राहत दे पाना असंभव है.
और इस बीच कई अधगिरी इमारतें कभी भी गिर सकती हैं. तब तक अलाव का गर्माहट ही ठंड से बचने का एकमात्र सहारा है.