जागरूकता से हो सकता है कुष्ठ रोग का उन्मूलन : सीएमओ
जनपद में आरंभ हुआ स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान
सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर कुष्ठ रोग समाप्त करने की दिलाई गई शपथ
कठपुतली के माध्यम से जिला अस्पताल में लोगों को कुष्ठ रोग के प्रति किया गया जागरू
संवाद। फोटो सहित
मेरठ, 31 जनवरी 2023। जनपद में सोमवार से राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन अभियान के तहत सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्पर्श कुष्ठ रोग जागरूकता अभियान शुरू हुआ। अभियान 13 फरवरी तक चलाया जाएगा। सोमवार को सीएमओ कार्यालय में हुए कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अखिलेश मोहन ने सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को कुष्ठ रोगियों से घृणा न करने व कुष्ठ रोग को समाप्त करने की शपथ दिलाई।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अखिलेश मोहन ने बताया- जनपद में 30 जनवरी से 13 फरवरी तक स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान का आयोजन किया जाएगा। अधिक से अधिक लोगों को कुष्ठ रोग से होने वाले परिणामों के प्रति जागरूक करने के लिये स्वास्थ्य विभाग ने कठपुतली का सहारा लिया है। कठपुतली शो के माध्यम से शहर व देहात की मलिन बस्तियों व झुग्गी झोपड़ियों में जागरूकता फैलाई जाएगी।
जिला अस्पताल में कठपुतली के माध्यम से बताया गया कि कुष्ठ रोग लाइजाल नहीं है। बल्कि थोड़ी जागरूकता जरूरी है। समय पर इसका पता चलने पर इसका उपचार उपलब्ध है। बताया गया कि अगर किसी के शरीर पर दाग या धब्बा दिखाई देता है तो तत्काल अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल में चिकित्सक को दिखाएं। दवा खाने से रोग 100 प्रतिशत समाप्त हो जाता है।
जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. कमलेश चन्द्र तिवारी ने बताया- कोरोना का संक्रमण काबू होने पर कुष्ठ रोग के प्रति जागरूकता परक गतिविधियों को तेज कर दिया गया है। 13 फरवरी तक ग्रामीण व शहरों क्षेत्रों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसके तहत कुष्ठ रोग के प्रति लोगों में फैली भ्रांती-भेदभाव को समाप्त करने के लिये जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा। ग्राम सभा में बैठकों का आयोजन कर कुष्ठ रोग से बचने व उपचार के बारे में जागररूक किया जाएगा। मलिन बस्तियों में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। कठपुतली के माध्यम से यह बताया जाएगा – किन कारणों से कुष्ठ रोग फैलता है और इसका किस प्रकार से उपचार किया जाता है। उन्होंने बताया सरकार की ओर से कुष्ठ रोग के लाभार्थी की पेंशन को 2500 से बढ़ाकर दिसंबर 2021 से 3000 हजार रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। वर्तमान में 133 लाभार्थी पेंशन पा रहे हैं। रिफास्टिक सर्जरी के तहत कुष्ठ रोगी की विकलांगता को दूर करने का प्रयास भी किया जाता है। सर्जरी के बाद लाभार्थी को 12 हजार रुपये तीन किस्तों में दिये जाते हैं। यह राशि लाभार्थी के खाते में सीधे भेजी जाति है।
क्या है कुष्ठ रोग
कुष्ठ रोग एक दीर्घकालिक संक्रामक रोग है। इसमें त्वचा पर हल्के रंग के धब्बे दिखाई देते हैं। इस रोग की शुरुआत बहुत धीमी गति से होती है। यह रोग तंत्रिकाओं त्वचा और आंखों को प्रभावित करता है। इस रोग से स्थायी शारीरिक विकलांगता हो सकती है। कुष्ठ रोग माइकोबैक्टीरियम लेप्री और माइकोबैक्टीरियम लेप्री मेटासिस के कारण होता है। इसके कारण त्वचा पर दाग धब्बों में संवेदनहीनता यानि सुन्नपन होने लगता है। हाथ या पैरों में अस्थिरता या झुनझुनी पैदा होती है।स्वास्थ्य विभाग कुष्ठ रोगियों को उपचार उपलब्ध करता है। सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर मल्टी ड्रग थेरेपी (एमडीटी) की जाती है।
इस मौके पर सुपरवाइजर वाईपीएस तोमर, पीएम डब्ल्यू रोशनी, फार्मासिस्ट रवि भूषण, नॉन मेडिकल असिस्टेंट धर्मेन्द्र आदि मौजूद रहे।