कोटेदार द्वारा लेखपाल व ग्राम पंचायत अधिकारी सहित अन्य को कमीशन देने की बात कहना पड़ा महंगा
अपने ही दिये बयान में फंसे कोटेदार,दुकान निलंबित
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था कोटेदार का वीडियो।
अन्य जिम्मेदार कर्मचारियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही ना करने से जिम्मेदार प्रशासनिक व विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली को भी गंभीर सवालिया कटघरे में
रंजीत तिवारी
कर्नलगंज, गोण्डा। तहसील के अन्तर्गत ग्राम अम्होड़वा के कोटेदार द्वारा लेखपाल व ग्राम पंचायत अधिकारी सहित अन्य को कमीशन देने की बात कहना महंगा पड़ गया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडीओ का संज्ञान लेकर उचित दर विक्रेता की दुकान निलंबित कर दी गई है। वहीं अन्य जिम्मेदार कर्मचारियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही ना करने से जिम्मेदार प्रशासनिक व विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली को भी गंभीर सवालिया कटघरे में खड़ा कर रहा है।
प्रकरण तहसील कर्नलगंज के अंतर्गत ग्राम अम्होड़वा से जुड़ा है,यहाँ के कोटेदार द्वारा प्रति यूनिट एक किलोग्राम वस्तुयें कम वितरित की जा रही थी। ग्रामीणों के विरोध पर कोटेदार ने लेखपाल व ग्राम पंचायत सहित अन्य लोगों को कमीशन देने की बात कही। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो का संज्ञान लेकर प्रकरण की जांच कराकर कोटे की दुकान निलंबित कर दी गई है। इस संबंध में पूर्ति निरीक्षक दिनेश कुमार वर्मा ने बताया कि प्रकरण की जांच के बाद ग्राम अम्होड़वा के उचित दर विक्रेता की दुकान निलंबित कर दी गई है। आपको बता दें कि इस संपूर्ण मामले ने जहाँ खाद्यान्न वितरण व्यवस्था में हो रहे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार, घटतौली व गरीबों के खाद्यान्न कालाबाजारी को तो उजागर तो किया ही है वही जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों की कमीशन खोरी के कारनामों की कलई खोलकर रख दी है और जिम्मेदार प्रशासनिक व विभागीय अधिकारियों की कार्यप्रणाली को भी गंभीर सवालिया कटघरे में खड़ा कर दिया है। ऐसे में सभी जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध कार्रवाई ना करके केवल कोटेदार को ही बलि का बकरा बनाकर सरकारी कर्मचारियों को बचाते हुए उन्हें संरक्षण दिया जाना प्रतीत हो रहा है।