*गरीब की मदद कर मानवता की मिशाल पेश की जनसेविका सावित्री देवी ने*

*गरीब की मदद कर मानवता की मिशाल पेश की जनसेविका सावित्री देवी ने*

*डाक्टर प्रमोद प्रजापति व सावित्री के सहयोग से एक गरीब को दर्द से मिली मुक्ति*
जयप्रकाश वर्मा
सोनभद्र।
सोनभद्र।थाना चोपन अंतर्गत निवासी शंकर उम्र 50 वर्ष जिनका लगभग 10 वर्ष पूर्व दुर्घटना में बाए पैर में रॉड पड़ा था।तब से अपना और अपने परिवार के जीविकोपार्जन हेतु थाना गेट के पास चाय की दुकान खोलकर उससे पेट पालते हैं विगत कुछ महीनों से बाए पैर में लगे रॉड की वजह से असहनीय पीड़ा से परेशान थे दवा खा कर दिन रात गुजार रहे थे कई लोगों से मदद हेतु कहा लेकिन किसी से मदद नही किया फिर शंकर ने गरीबों की हर संभव मदद करने वाली जनसेविका सावित्री देवी को रोते हुए इस असहनीय दर्द के बारे में बताते हुए आंसु झलक पड़े कहा बिटिया मेरा यह दर्द अब बर्दाश्त नहीं हो रहा भगवान मुझे उठा ले तब ही अच्छा होगा सावित्री देवी भावुक होकर यह वृद्ध का दुःख देख कहा चाचा जी आपके ऑपरेशन की जिम्मेदारी हमारी तत्काल एंबुलेंस 108 बुलाकर जिला जिला अस्पताल ले गई वहा डाक्टर द्वारा गंभीर स्थिति बताते हुए वाराणसी जाने को कहा लेकिन पैसा का अभाव था सावित्री देवी ने फौरन जनपद में मानवता को ध्यान में रख गरीबों की मदद करने वाले लाईफ केयर हॉस्पिटल एवं ट्रामा सेंटर के डॉ प्रमोद प्रजापति के पास ले गई जहा डाक्टर ने प्राथमिकता के आधार फौरन शंकर का ओपीडी पर्ची निशुल्क बनवाया व एक्सरे करवाया व रिपोर्ट के आधार पर बताया की अगर जल्द ऑपरेशन करके अगर पैर से रॉड ना निकलता तो घुटना तोड़ देता जिसकी वजह से इनको काफी दर्द हो रहा हैं उन्होंने तत्काल ऑपरेशन करके रॉड निकालने का सुझाव दिया और कहा आप द्वारा देखता हू हमेशा गरीबों की निस्वार्थ सेवा किया जाता है जो आज समय में बहुत कम लोग मिलते हैं इनकी भी आप मदद हेतु लाई है जो भी बन सकेगा न्यूनतम खर्च में मदद किया जायेगा तत्काल आप ऑपरेशन कराने हेतु व्यवस्था करें।सावित्री देवी ने फौरन अपने कॉमन सर्विस सेंटर चोपन से पैसा मंगवा कर अस्पताल में जमा करते हुए डाक्टर को उपचार करने हेतु कहा कुछ घंटों में ऑपरेशन सफल हो गया 24 घंटे भर्ती रखते हुए दवा देकर गुरुवार को डाक्टर द्वारा छुट्टी दे दिया गया।शंकर घर आने के बाद काफी आशीर्वाद दिए उनका दर्द अब आराम है साथ ही उनके परिवार ने भी खुशी जाहिर की।सावित्री देवी ने कहा बचपन से इतना दुःख झेलते आई हु की किसी सा दुःख देख बर्दाश्त नही होता भगवान ने मुझे पैसा तो नही दिया लेकिन तथा संभव मदद अपने सर्वस्त जीवन करती रहूंगी।

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