*दिव्यांग को नहीं मिला रहा सरकारी राशन बीपीएल कार्ड बना था दो साल से अधिकारियों का काट रहा चक्कर*

*दिव्यांग को नहीं मिला रहा सरकारी राशन बीपीएल कार्ड बना था दो साल से अधिकारियों का काट रहा चक्कर*

डॉ0कल्प राम त्रिपाठी
ब्यूरोचीफ गोण्डा

स्थान गोंडा
खबर गोंडा जनपद से है जहां पर प्रदेश सरकार सबका साथ सबका विकास की तो बात करती है वही गोंडा जनपद में जिला पूर्ति कार्यालय में बाबू सप्लाई स्पेक्टर की मिलीभगत से कोटेदार हो रहे हैं मालामाल आपको बताते चलें कि पंडरी कृपाल ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम बेसिया चैन गांव में एक गरीब त्रिवेणी पिछड़ी जाति का है शरीर से अक्षम दिव्यांग है जो मुंह से बोल भी नहीं सकता है दोनों हाथ उसके काम नहीं करते हैं अपनी मां के साथ छप्पर में रहता है किसी तरीके से लड़के की मां मेहनत मजदूरी करके पेट पालती है वही सरकार की योजना के तहत महीने में दो बार राशन दिया जाता है दिव्यांग त्रिवेणी का बीपीएल राशन कार्ड बना था जो दो साल से निरस्त है उसको अपात्र मान लिया गया है गांव में सस्ते गल्ले की दुकान पर कोटेदार उसको गल्ला नहीं दे रहे है कोटेदार का चक्कर काटकर थक गया प्रधान से मिला अपना कागज दिया और लड़के की मां बताती है की हमारा लड़का विकलांग है हमारा बीपीएल कार्ड जो बना था लोगों ने कटवा दिया जो लोग अमीर हैं उनको राशन मिल रहा है जिनके खेत ट्रैक्टर कमाने का जरिया है वह लोगों को राशन मिलता है हम गरीब हैं हमारे खेत भी नहीं है हम मेहनत मजदूरी करते हैं हमें राशन नहीं मिल रहा है कार्ड धारक दिव्यांग त्रिवेणी की मां लक्ष्मी महिला ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि दो साल हो गए हमें कोटेदार गल्ला नहीं दे है और कहते हैं कि राशन कार्ड निरस्त हो गया है हमारे लड़के के नाम से बीपीएल लाल कार्ड बना था किसी ने राशन कार्ड कटवा दिया कोटेदार गल्ला नहीं देते हैं जाओ भगा देते हैं कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है हमारे रहने के लिए घर भी नहीं है मिट्टी का मकान था जो बरसात में गिर गया छप्पर में रहते गुजर-बसर करते हैं मेहनत मजदूरी करके लड़के का पेट पालते हैं। सरकार की योजना का हमें लाभ नहीं मिलता है
विजुअल
पीड़ित महिला की बाइट

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