*राम विवाह व परशुराम लक्ष्मण संवाद की कथा सुनकर मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु*
रिपोर्ट सुशील कुमार द्विवेदी
इटियाथोक गोंडा, बेंदुली गांव के स्वामी सर्वदानंद लघु माध्यमिक विद्यालय परिसर में मंगलमय परिवार के सौजन्य से चल रहे नौ दिवसीय श्री राम कथा ज्ञान यज्ञ के आठवें दिन कथा व्यास श्री विजय कौशल जी महाराज ने सीता स्वयंवर एवं लक्ष्मण परशुराम संवाद की कथा सुनाई। राम और सीता विवाह के मार्मिक प्रसंग को सुनकर कथा पंडाल में बैठे हुए सभी श्रोतागण मंत्रमुग्ध हो गए और जैसे ही भगवान श्रीराम ने शिव धनुष को तोड़ा पूरा पंडाल सीताराम के जयघोष से गुंजायमान हो उठा। पूरा प्रांगण भक्ति भाव से सराबोर हो गया। श्रोतागण खड़े होकर नाचते गाते हुए व्यास पीठ पर फूलों की वर्षा करने लगे। श्री महाराज ने कहा सीता स्वयंवर में शामिल हुए राजाओं महाराजाओं के असफल होने के उपरांत जैसे ही भगवान श्री रामचंद्र ने धनुष तोड़ा उसकी टनकार तीनो लोक में सुनाई दी। शिव धनुष टूटने की टनकार सुनकर तपस्या रत भगवान परशुराम की आंख खुल गई। वह सीधे जनकपुर पहुंचे और मिथिला नरेश से कहा कि जिस किसी ने भी शिव धनुष तोड़ी है उसे सभा से निकालकर मेरे समक्ष प्रस्तुत करो नहीं तो मैं सभी राजाओं को मार डालूंगा परशुराम के क्रोध को शांत करने का भगवान श्रीराम ने काफी प्रयास किया लेकिन वह शांत नहीं हुए। इस बीच भगवान परशुराम और लक्ष्मण का तीखा संवाद हुआ। और अंत में भगवान श्रीराम ने उनके तरकश में रखे हुए श्री नारायण अस्त्र को नष्ट कर स्वयं के नारायण होने का प्रमाण दिया तब जाकर उनका क्रोध शांत हुआ। इसके बाद राजा जनक ने संदेशवाहको को अयोध्या भेजकर महाराज दशरथ को श्री राम सीता विवाह में बारातियों संग शामिल होने का न्योता भेजा। अयोध्या से हाथी घोड़ों व रथो पर सवार होकर भारी संख्या में बाराती जनकपुर पहुंचे यह बड़े ही धूमधाम से भगवान राम और सीता का विवाह संपन्न हुआ। इस अवसर पर कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह, विधायक विनय कुमार द्विवेदी, ब्लाक प्रमुख पूनम द्विवेदी, मंडल अध्यक्ष सत्यव्रत ओझा, राजेश दुबे, अजय राठौर, स्वयं प्रकाश शुक्ला, वेद प्रकाश शुक्ला, रामू शुक्ला, मुख्य यजमान संध्या शुक्ला सहित हजारों की संख्या में महिला पुरुष व बच्चे मौजूद रहे।