*डीएम की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन ने डेंगू बुखार की जारी किया एडवाइजरी*
ब्यूरोचीफ गोण्डा
डॉ. कल्प राम त्रिपाठी
खबर गोंडा जनपद से हैं जहां पर जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही हैं। जिला अस्पताल में डीएम ने डेंगू को लेकर किया दौरा डेंगू वार्ड में भर्ती मरीजों से जाना हाल-चाल डॉक्टरों को दिया जरूरी निर्देश जिला अस्पताल छह नए मरीज मिले हैं डेंगू वार्ड में छह मरीज भर्ती हैं। इसी के साथ जिले में डेंगू पीड़ितों की संख्या बढ़कर 87 हो गई। वहीं, वायरल से पीड़ितों की संख्या में इजाफा हुआ है। सोमवार को जिला अस्पताल में ओपीडी कक्ष से लेकर दवाई वितरण काउंटर पर मरीजों का तांता लगा रहा है। सीएमओ डा. रश्मि वर्मा ने बताया कि किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। जिले में सभी मरीजों का समुचित इलाज किया जा रहा है।
जिला अस्तपाल की ओपीडी में इलाज कराने के लिए मरीजों का तांता लगा रहा है। पंजीकरण से लेकर डाक्टर को दिखाने तक लोगों में मारामारी मची रही। अस्पताल कर्मियों का कहना है कि बुखार से पीड़ित मरीज बड़ी संख्या में इलाज कराने के लिए पहुंचे। डाक्टरों ने आवश्यक जांच पड़ताल के बाद मरीजों को परामर्श दिए। इनमें तमाम मरीजों के खून की भी जांच कराई गई। उधर, अस्पताल के मेडिकल वार्ड मरीजों से भरा है।
डेंगू व अन्य संक्रामक रोगों से बचाव को लेकर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने एडवाइजरी जारी की है। डीएम डॉ उज्ज्वल कुमार ने कहा कि डेंगू मच्छरों के जरिए फैलता है। समय पर इसकी पहचान कर ली जाए तो इससे बचाव या उपचार करने में मदद भी मिल सकती है।
डेंगू के लक्षण: डेंगू होने पर जोड़ों और मांस पेशियों में दर्द, शरीर पर चकत्ते होना, तेज सिरदर्द होना, आंखों में जलन, उल्टी होना या महसूस होना हैं। ऐसे लक्षण महसूस होने पर तुरंत डाक्टर से सलाह लेकर इलाज शुरू कराएं।
डेंगू से बचाव को बरते एहतियात: कूलर, पानी की टंकी, गमले या पानी जमा होने वाली जगह की नियमित रूप से सफाई करें। किचन से निकलने वाले कचरे को काफी दिन तक जमा न होने दें। सोते समय मच्छरदानी लगाएं, यह मच्छरों बचाव का बेहतर विकल्प है। पूरे बाजू के कपड़े पहनें और गंदी जगह से दूर रहें। किसी जगह पर रुके हुए पानी में मच्छर पनप सकते हैं और इसी से डेंगू भी फैल सकता है।