*कार्यकर्म का शुभारंभ दीप प्रज्वललन व समापन शांति मंत्र के साथ किया*

*कार्यकर्म का शुभारंभ दीप प्रज्वललन व समापन शांति मंत्र के साथ किया*
डॉ0कल्पराम त्रिपाठी

श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कालेज गोण्डा में संस्कृत सम्भाषण के चतुर्थ दिन एकवचन- बहुवचन के साथ षष्ठी विभक्ति का प्रयोग संस्कृत भारती की सरल मानक विधि से संस्कृत भारती के प्रशिक्षक जगदम्बा प्रसाद सिंह ने कराया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीपप्रज्ज्वलन व समापन शान्ति-मन्त्र के साथ किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए डा.अच्युत शुक्ला ने कहा कि संस्कृत भाषा पूर्ण सनातन व वैज्ञानिक होने के साथ प्रासंगिक भी है। डा.रवि प्रकाश ओझा ने कहा कि संस्कृत के मन्त्रों से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।प्रो.जे.बी.पाल ने कहा कि स्नातक स्तर पर ही बच्चों में सम्भाषण कौशल विकसित हो जाने से बच्चों की प्रगति सम्भावनाओं को बल मिलेगा। प्रो.बी.पी.सिंह ने कहा कि संस्कृत सम्भाषण वर्ग में छात्रों का उत्साह प्रशंसनीय है। यह छात्रों का सौभाग्य है कि महाविद्यालय में इस तरह का आयोजन किया गया है। प्रो.अमन चन्द्रा ने कहा कि संस्कृत साहित्य का विपुल भण्डार अनुसन्धान की अपरिमित सम्भावनाओं से युक्त है। प्रो श्रवण कुमार ने कहा कि वैज्ञानिक पृष्ठभूमि का होने पर भी संस्कृत भाषा की बहुत सी पुस्तकों का संकलन मेरे पास है। जिससे बहुत सी समस्याओं को हल करने में सरलता होती है।धन्यवाद ज्ञापन वर्ग के संयोजक प्रो. मंशाराम वर्मा ने किया। इस अवसर पर डा.रेखा शर्मा रामभुलावन प्रजापति तथा प्रशिक्षु छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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