10 दिन बाद भी पूरी नहीं हुई म्योरपुर एबीएसए की जांच, तीन दिनों में जांच कर देनी थी रिपोर्ट

10 दिन बाद भी पूरी नहीं हुई म्योरपुर एबीएसए की जांच, तीन दिनों में जांच कर देनी थी रिपोर्ट

 

जयप्रकाश वर्मा

सोनभद्र।

 

– क्या मामले को उलझाने के लिए जांच को लंबा खींचा जा रहा

 

– जब जांच टीम एबीएसए म्योरपुर को हटाकर जांच कराए जाने की सिफ़ारिश की थी तो आखिर क्यों नहीं हुआ ?

 

सोनभद्र । मध्य प्रदेश से आकर सोनभद्र में शिक्षा विभाग में नौकरी कर रहे कई शिक्षकों ने म्योरपुर एबीएसए के खिलाफ लामबंद होकर जिलाधिकारी से शिकायत की थी कि एबीएसए द्वारा उन्हें परेशान व उनका उत्पीड़न किया जा रहा है, जिसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने जांच सीडीओ को सौंपी थी। सीडीओ ने पूरे मामले में दो अधिकारियों DIOS व DCNRLM की टीम गठित कर जांच रिपोर्ट तीन दिनों में देने को कहा था । लेकिन 10 दिन से ऊपर का समय बीत गया लेकिन अब तक जांच पूरी नहीं हुई और न ही एबीएसए को अब तक हटाया गया । जबकि जांच अधिकारियों ने अपनी सिफारिश में कहा था कि एबीएसए म्योरपुर को वहां से हटाकर जांच कराया जाय ।

 

सूत्रों के मुताबिक मध्यप्रदेश से आये कई युवक लम्बे समय से उत्तर प्रदेश के सोनभद्र आकर जाति प्रमाणपत्र बनाकर नौकरी कर रहे हैं । गैर जनपद से तबादला होकर सोनभद्र आये म्योरपुर एबीएसए को जब कुछ चाटुकार अध्यापकों ने यह बात बताई तो एबीएसए के दिमाग में प्लान दौड़ने लगा और वे उन्हीं चाटुकार अध्यापकों के माध्यम से मध्यप्रदेश से आकर यहां नौकरी के रहे अध्यापकों को बारी-बारी से बुलवाया । सूत्रों की माने तो एबीएसए म्योरपुर द्वारा उन टीचरों से यह कहा गया कि भर्ती को लेकर एसआईटी की जांच शुरू हो गई है एसआईटी जांच का नाम सुनते ही अध्यापकों की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई और वे एबीएसए से बचा लेने की गुहार लगाने लगे । सूत्रों की माने तो जैसे ही अध्यापक उनके चंगुल में फंसे उनसे मोटी रकम ऐंठने लगे । सूत्रों की माने तो एबीएसए अपने चाटुकार अध्यापकों के माध्यम से मध्य प्रदेश के उन टीचरों को बारी-बारी से बुलाए करता था और उनसे ऐसा ही कह कर मोटी रकम ऐंठता रहा ।

बताया जा इसी बीच किसी अध्यापक को शक हो गया और वे पूरे मामले को लेकर सांसद के पास पहुंच गए ।जिसके बाद सांसद ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी से लेकर प्रमुख सचिव तक फोन घनघना डाला और शिकायत दर्ज कराई । सांसद के शिकायत के बाद जिलाधिकारी ने उन सभी मध्यप्रदेश के अध्यापकों से लिखित शिकायत मंगाई। जिसे अध्यापकों ने सारी बात लिखकर दे दी । फिर जिलाधिकारी ने पूरे मामले की जांच सीडीओ को देते हुए कठोर कार्रवाई करने के लिए कहा।

मगर सवाल यह उठता है कि 3 दिन में जांच रिपोर्ट आना था जो अब तक नहीं आ सका । साथ ही जांच अधिकारियों ने एबीएसए को हटाकर जांच की जाने की सिफारिश भी की थी जो अब तक पूरा नहीं हुआ । तो क्या ऐसे में या माना जाए की मामले में लीपापोती करने के लिए जांच को लंबा खींचा जा रहा है । ऐसे में सवाल तो यह भी खड़ा होता है कि यदि सोनभद्र दौरे पर आए केशव मौर्या सोनभद्र को भ्रष्टाचार मुक्त करने का दावा कर रहे हैं तो यह आखिर कैसे पूरा होगा ।

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