साहित्यिक संस्था बज्में शामे गजल द्वारा एक विशेष शोक गोष्ठी की हुई आयोजित

साहित्यिक संस्था बज्में शामे गजल द्वारा एक विशेष शोक गोष्ठी की हुई आयोजित

 

कर्नलगंज, गोण्डा। साहित्यिक संस्था बज्में शामे गजल की एक विशेष शोक गोष्ठी कर्नलगंज कस्बे के कसगरान मोहल्ले में बाबा शहीद मर्द मजार के पास आयोजित हुई। जिसमें विगत दिनों नौ काव्य संग्रह के रचयिता, गीत व गजल के लेखक साहित्यकार स्वर्गीय यज्ञराम मिश्रा यज्ञेश के निधन पर संस्था की ओर से श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता अनुभूति ट्रस्ट के अध्यक्ष अवधेश सिंह व संचालन याकूब सिद्दीकी अज़्म गोंडवी ने किया। संरक्षक अब्दुल गफ्फार ठेकेदार ने स्वर्गीय यज्ञराम मिश्रा के जीवन पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में 9 किताबें देने वाले यज्ञेश जी का साहित्य में जुनून था। पंजाब नेशनल बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक पद से सेवानिवृत्त स्व० यज्ञराम मिश्रा ग्रामीण बैंक शाखा सकरौरा के प्रथम प्रबंधक के तौर पर कर्नलगंज में रहे थे। नेश पीठ के संस्थापक वरिष्ठ साहित्यकार गणेश प्रसाद तिवारी ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किया। संस्था के महामंत्री मुजीब अहमद सिद्दीकी ने कहा मिश्रा जी मुझे बहुत मानते थे, वह मुहब्बत व इखलाक के ऐसे पैकर थे जो एक बार उनसे मिलता था वह प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता था। याकूब सिद्दीकी ने भावुक होकर मिश्रा जी की बेपनाह मुहब्बतों का जिक्र करते हुए कहा कि उनके अचानक निधन से ऐसा महसूस हुआ कि जैसे मेरे पिता का निधन हो गया हो। व्यंग्यकार संतराम सिंह संत ने कहा कि यगेश जी मेरे काव्य संग्रह के विमोचन पर मेरे घर पधारे थे। वह बड़े नेक इंसान थे।साबिर अली गुड्डू ने कहा ऐसा महसूस होता है जैसे मिश्रा जी हमारे दरमियान मौजूद हैं। अधिवक्ता वीरेंद्र विक्रम तिवारी बेतुक और अवध राज वर्मा करुण आदि ने अपनी अपनी रचना से स्वर्गीय मिश्रा जी को श्रद्धासुमन अर्पित किया।अध्यक्षीय संबोधन में अवधेश सिंह जी ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मिश्रा जी को अदम गोंडवी जी की तरह समाज को आईना दिखाने वाला साहित्यकार बताया और यादों को साझा किया। अन्य कई वक्ताओं ने मिश्रा जी के निधन को साहित्य के साथ अपना निजी नुकसान बताया। इस मौके पर सगीर अहमद सिद्दीकी, हाजी नियाज कमर, सलीम बेदिल, इरफान मसऊदी, इमरान इदरीसी, अहसन सिद्दीकी अरसलान सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। अंत में सभी ने दो मिनट का मौन धारण कर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और कार्यक्रम का समापन किया गया।

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