ट्रेंचिंग ग्राउंड का प्रस्ताव भेजा शासन को
– सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग पूरी तरह बंद
– बायो मैडिकल वेस्ट का डाटा तैयार कर हिमालयी पर्यावरण संस्थान को भेजे स्वास्थ्य विभाग
बागेश्वर। संवाददाता
गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान द्वारा उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के माध्यम से जिलाधिकारी रीना जोशी की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में जिला पर्यावरण योजना की कार्यशाला आयोजित की गर्इ। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में जल संरक्षण, संवर्द्धन के साथ ही नगर निकायों द्वारा घर-घर से कूड़ा एकत्र करना व सेग्रीगेशन का कार्य किया जा रहा है, साथ ही ट्रेंचिंग ग्राउंड का प्रस्ताव भी शासन को भेजा है।
उन्होंने कहा कि जनपद में सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंधित करने हेतु सभी स्टेक होल्डरों से वार्ता कर प्रतिबंध में बहुत हद तक सफलता मिली है। प्रशासन एवं नगर निकायों द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंधित लगाने हेतु छापेमारी की जा रही है। जोशी ने कहा कि भविष्य में इलैक्ट्रानिक वेस्ट को मैनेज करना अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया कि जल संवर्द्धन एवं संरक्षण हेतु जनपद में 83 अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा रहा है, साथ ही वन, कृषि, मनरेगा, उद्यान आदि विभागों द्वारा चाल-खाल भी बनाए जा रहे हैं। संस्थान के पर्यावरणविद डॉ. जगदीश चंद्र कुनियाल ने कार्यशाला में पीपीटी के माध्यम से बताया कि जनपद में 9.5 मीट्रिक टन सोलेट वेस्ट प्रतिदिन निकलता है जिसमें 5.5 मीट्रिक टन सूखा व 4.0 मीट्रिक टन गीला कूडा निकलता है, जबकि नगर निकाय बागेश्वर में 90 प्रतिशत कूडे़ का सेग्रीगेशन किया जा रहा है, व घर-घर से कूडा एकत्र भी किया जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि जनपद में 370 परिवार कूडे़ को होम कम्पोस्टिंग कर रहें है। बागेश्वर निकाय के 300 व कपकोट के 70 परिवार शामिल है। कार्यशाला में प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागरी, अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत बागेश्वर राजेश कुमार, अल्मोंड़ा राजेंद्र सिंह, ईई लेानिवि राजकुमार, संजय कुमार पांडे, जल संस्थान सीएस देवड़ी आदि मौजूद रहे। वही बैठक के बाद
जिलाधिकारी रीना जोशी ने शनिवार को मंडलसेरा में निर्माणाधीन निर्माणाधीन चिकित्सक ट्रांजिट हॉस्टल व महिला एवं सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित वन स्टॉप सेंटर को स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. हरीश पोखरिया ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि ट्रांजिट हॉस्टल 2007 से निर्माणाधीन है। राजकीय निर्माण निगम द्वारा बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ट्रांजिट हॉस्टल के दोनों भवनों को पूर्ण करने हेतु 226.61 लाख की धनराशि की जरूरत है, जिसका प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया हैं, जिस पर जिलाधिकारी ने कहा कि वे स्वंय सचिव स्वास्थ से वार्ता करेंगे। इसके उपरांत जिलाधिकारी वन स्टॉप सेंटर पहुंची व वहां का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पंजिकाओं का निरीक्षण कर सेंटर का मरम्मत व रंग रोगन कराने के निर्देश दिए।
बागेश्वर से महिपाल भरड़ा की रिपोर्ट।