कौड़िया थाने की पुलिस ने एक व्यक्ति की संदिग्ध मौत के मामले में अभी तक नहीं दर्ज किया मुकदमा
पुलिस की भूमिका संदिग्ध होने से उठ रहे सवाल, पीड़ित महिला न्याय के लिए थाने के लगा रही है चक्कर
कौड़िया गोण्डा। जिले के पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर द्वारा भले ही आये दिन अपराध एवं अपराधियों के प्रति कड़े तेवर दिखाने और थाने आने वाले पीड़ितों की एफआईआर तत्काल दर्ज करके त्वरित कार्यवाही करने के आदेश/निर्देश अपने अधीनस्थ थाने व चौकी के प्रभारियों को दिये जा रहे हों, लेकिन धरातल पर वह हवा हवाई साबित हो रहे हैं और थाने के जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के सामने बौने प्रतीत हो रहे हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण कौड़िया थाना क्षेत्र में सामने आया है जहाँ एक व्यक्ति की संदिग्ध मौत के मामले में पीड़ित महिला की तहरीर पर तीन दिन बीतने के बाद भी अभी तक पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया है जिससे महिला न्याय के लिए थाने के चक्कर लगा रही है।
मामला थाना कौड़िया से जुड़ा है, जहाँ शनिवार 13 अगस्त 2022 को थानाध्यक्ष कौड़िया को पीड़ित महिला किरन पत्नी भवसागर निवासिनी चैनापुर थाना कौड़िया बाजार द्वारा दी गई तहरीर में कहा गया है कि उनके पति भवसागर को गाँव के ही तसौव्वर व मंजूरे पुत्र काले व उनके भाई लगभग चालीस दिन पहले घर से मजदूरी करवाने के लिए मुंबई बुलाकर ले गए थे। तब से हम लोगों से फोन पर बात भी होती रही। फिर मेरे मोबाइल पर आठ अगस्त को सुबह मेरे पति का फोन आया कि मुझे बहुत डर लग रहा है और जान माल का खतरा लग रहा है। आठ अगस्त को शाम तक उनसे बात भी हुई। फिर मेरे मोबाइल पर उसी दिन शाम को पाँच बजे फोन आया कि भव सागर की तवियत बहुत खराब है जिससे मैं अपने पति की मोबाइल पर फोन करने लगी तो उनका फोन नहीं उठा, तब मैनें तसौव्वर के मोबाइल पर फोन करके बात करवाने के लिए कहा तो तसौव्वर ने यह कहकर मना कर दिया कि डाक्टर अंदर नहीं जाने दे रहे हैं। फिर रात के दस बजे मेरे मोबाइल पर फोन आया कि भवसागर की मृत्यु हो गई है। जब मैं लाश लेने वहाँ अपने लड़की के साथ मुंबई गई तो मुझे और मेरे लड़की को भी बंधक बना लिया गया और मुझसे कहा गया कि अगर कोई कार्यवाही करोगी तो तुम लोगों को भी बेइज्जत कर दूंगा और लाश भी नहीं दूंगा। तब मैं डर वश उनके दिये हुए बयान के कागज पर अंगूठा लगाकर किसी तरह लाश ले आयी। मुझे शंका है कि मेरे पति को मारा गया है। लाश का पोस्टमार्टम मुंबई में हुआ है। पीड़ित महिला ने उक्त संबंध में तहरीर देकर न्याय दिलाते हुए प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करके कार्यवाही करने की गुहार लगाई है। लेकिन पीड़ित महिला की तहरीर पर तीन दिन बीतने के बाद भी अभी तक पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया है जिससे महिला न्याय के लिए थाने के चक्कर लगा रही है। वहीं मामले में कौड़िया पुलिस की भूमिका संदिग्ध लग रही है और पुलिसिया कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।