बागपत और दिल्ली में धूम मचा रहा सिसाना के विनित चौहान के बाग का अमरूद

बागपत और दिल्ली में धूम मचा रहा सिसाना के विनित चौहान के बाग का अमरूद

 

– आर्गेनिक खेती पर आधारित विनित चौहान के अमरूद के बाग के अमरूदों की बाजार में है भारी मांग, इस बाग के केमिकल रहित अमरूदों को स्वास्थ्य की दृष्टि से माना जाता है बहुत लाभदायक

 

– बाग में अमरूद की अनेकों नस्लों के पेड़ों के साथ-साथ आलू बुखारा, अनार, सेब, मौसमी, नींबू, केला, कीनू, लीची, बादाम, आम, कटहल, अंजीर, ऑंवला, बेल पत्थर आदि के पेड़ लगाये गये है

 

बागपत, उत्तर प्रदेश। विवेक जैन।

 

बागपत जनपद के सिसाना गांव में स्थित विनित चौहान के बाग के अमरूद दिल्ली एनसीआर सहित आस-पास के जनपदों में धूम मचा रहे है। आर्गेनिक खेती पर आधारित विनित चौहान के अमरूद के बाग के अमरूदों की बाजार में बहुत तेजी से मांग बढ़ रही है। केमिकल रहित इन अमरूदों को स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत लाभदायक माना जाता है। बाग के संचालक विनित चौहान ने बताया कि वर्तमान में अमरूद के बाग में मुख्य उत्पादक नस्ल थाई वीएनआर अमरूद की है। इसके अलावा चाईनीज अमरूद, सेब अमरूद, काला अमरूद, इलाहबादी, पिंक जैसी अनेकों नस्लों के अमरूद के पेड़ बाग में उपलब्ध है। बाग में आलू बुखारा, अनार, सेब, मौसमी, नींबू, केला, कीनू, लीची, बादाम, आम, कटहल, अंजीर, ऑंवला, बेल पत्थर, मालाबार नीम और मोहगनी टिम्बर जैसे अनेकों उपयोगी पेड़ लगाये हुए है। बताया कि थाई वीएनआर अमरूद नस्ल से साल में दो बार अमरूद प्राप्त होते है। पेड़ लगाने के बाद पेड़ से 2 वर्षो के अन्दर अमरूद प्राप्त होने लगते है। आर्गेनिक खेती से 1 अमरूद के पेड़ से लगभग 40 से 50 किलो अमरूद प्राप्त होते है। विनित चौहान बताते है कि बाग में समस्त खेती आर्गेनिक पद्धति पर आधारित है। खेती में केमिकल का नाममात्र के लिए भी प्रयोग नही होता है, जिस कारण उनके बाग के फल स्वाद से भरपूर तो होते ही है साथ ही साथ स्वास्थ्यवर्धक भी होते है। उन्होंने बताया कि अमरूद की खेती में उनके पिता जसपाल चौहान, भाई विक्रान्त चौहान, भाभी शशि प्रभा सहित परिवार के समस्त सदस्य महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।

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