*मानव जीवन सुरक्षा में ड्यूटी करने वाले होमगार्ड पर संकट बनकर टूटे व्यक्ति पर पुलिस ने नहीं लिखी एफआईआर*

*मानव जीवन सुरक्षा में ड्यूटी करने वाले होमगार्ड पर संकट बनकर टूटे व्यक्ति पर पुलिस ने नहीं लिखी एफआईआर* ताहिर खान

*संरक्षण में तथाकथित पत्रकार लोकतंत्र पर कर रहे घातक प्रहार*

 

टड़ियांवा/हरदोई।तथाकथित पत्रकारों की लेखनी गलत को सही और सही को गलत लिखकर शासन-प्रशासन और सत्ता के साथ-साथ लोकतंत्र पे कर रही है घातक प्रहार। ऐसे कैंसर वायरस मानिन्द लोगों पर अपराध और अपराधियों का साथ देने के इल्जाम में हो कार्रवाई।मामला है उत्तर-प्रदेश होमगार्ड के साथ की गई मारपीट और मर्यादा को ठेस पहुंचाने का।दरअसल 10जुलाई को टड़ियांवा चौराहे पर होमगार्ड की

ड्यूटी पर तैनात आशुतोष निवासी टड़ियांवा को ई-रिक्शा चालक हर्षित गुप्ता निवासी टड़ियांवा ने इस बात पर पीटा था कि उस बेचारे ने अपनी ड्यूटी के अनुपालन में ई-रिक्शा चौराहे से थोड़ा आगे बढ़ाकर सड़क से किनारे खड़ा कर सवारी भरने की बात को उससे कह दिया था।मामला इतने पर ही शांत नहीं हुआ बल्कि उसने मानवाधिकारों के शोषण की धज्जियां इस कदर उड़ाई कि बेचारे होमगार्ड का बैच-बिल्ला और वर्दी भी फाड़ डाली थी।मारा तोड़ा परेशान पीड़ित होमगार्ड जब अपनी फरियाद लेकर कोतवाली टड़ियांवा पहुंचा तो वहां तहरीर के आधार पर कार्यवाही किए जाने का आश्वासन देकर उसको बैरंग लौटा दिया गया।इसी बीच आरोपी युवक हर्षित गुप्ता के एक रिश्तेदार तथाकथित पत्रकार विनय गुप्ता टड़ियांवा ने आरोपी हर्षित गुप्ता को दंड से बचाने के लिए उसके द्वारा कारित अपराध पर पर्दा डालने की नियत से होमगार्ड के विरुद्ध षडयंत्रकारी साजिश रची जिसमें उसने आरोपी को होमगार्ड के द्वारा नो एंट्री प्वाइंट पर अवैध वसूली करने के आरोप की बात कहलवाकर ऑडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल करके पीड़ित होमगार्ड के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर दिया।इस तरह एक होमगार्ड जोकि हमारे जीवन की सुरक्षा का अमूल्य अंग है को सड़क सुरक्षा में भीड़ का हिस्सा बनने वाले ई-रिक्शा चालक ने पहले जानबूझकर पीटा और फिर उसी को बचाने में एक तथाकथित पत्रकार जुटा।पुलिस की निष्पक्षता और सक्रियता देखिए अपराधी के विरुद्ध मात्र 151सीआरपीसी की धारा के तहत कार्रवाई करके छोड़ा और ऑटो रिक्शा को ट्रेनी सीओ शिल्पा कुमारी के आदेश पर सीज किया गया था।

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