*विकासखंड पिहानी में दूसरे दिन खुले सभी परिषदीय स्कूल, किताबों के बिना कैसे पढ़ाई करेंगे बच्चे*

*विकासखंड पिहानी में दूसरे दिन खुले सभी परिषदीय स्कूल, किताबों के बिना कैसे पढ़ाई करेंगे बच्चे*

 

ताहिर खान

 

ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद परिषदीय स्कूल बृहस्पतिवार से खुल गए हैं। इस बार छात्रों को किताबों के बिना ही पढ़ाई शुरू करनी पड़ रही है। एक अप्रैल से शुरू सत्र में अभी तक शासन से किताबें नहीं मिली है। ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद किताबें मिलने की उम्मीद थी, लेकिन अब तक भी नहीं पहुंच पाई है।

इससे शिक्षक और बच्चे दोनों परेशान हैं। किसी तरह पुरानी किताबों से पढ़ाई कराई जा रही है। परिषदीय स्कूलों में सर्व शिक्षा अभियान के तहत शासन से किताबों का निश्शुल्क वितरण किया जाता है, लेकिन इस सत्र में अभी तक किताबें नहीं पहुंची है। जिले में करीब 60 प्रतिशत छात्रों के पास किताबें नहीं है। 40 प्रतिशत छात्रों के पास ही पुरानी किताबें हैं।

यूनिफार्म का भी नहीं पता: परिषदीय स्कूलों में किताबों की तरह यूनिफार्म (पैंट, शर्ट, जूते-मौजे, बैग) दिए जाते हैं। इसके लिए अभिभावकों के खातों में पैसा भेजा जाता है। अभिभावकों के डीबीटी पोर्टल पर सत्यापन होता है। इस सत्र तो दूर बीते सत्र में भी 40 प्रतिशत छात्रों को यूनिफार्म नहीं मिल पाई थी। छात्र बिना यूनिफार्म के ही स्कूल आने को मजबूर हैं।

छात्रों के पास किताबें नहीं होने से शिक्षण कार्य पिछड़ रहा है और गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है। यह शासन की लापरवाही है। समय पर स्कूलों में किताबें पहुंचाई जाएं।

वहीं, खंड शिक्षा अधिकारी रतन लाल ने कहा कि किताबों की व्यवस्था शासन से होती है। अभी पुरानी किताबें लेकर दी गई है। इससे पढ़ाई हो रही है। किताबें मिलते ही छात्रों वितरित कर दी जाएगी।

परिषदीय स्कूलों में स्काउट गाइड बना अनिवार्य विषय

बेसिक शिक्षा विभाग ने परिषदीय स्कूलों के बच्चों को शिष्टाचार व अनुशासन सिखाने को स्काउट-गाइड विषय अनिवार्य कर दिया है। कक्षा तीन से आठवीं तक के बच्चों को स्काउट गाइड का पाठ पढ़ाया जाएगा। नए बच्चे इससे जुड़ेंगे। अब तक सिर्फ माध्यमिक स्कूलों में स्काउट-गाइड विषय शामिल था।

 

खंड शिक्षा अधिकारी पिहानी रतनलाल ने बताया कि शासन से स्काउट-गाइड को अनिवार्य विषय में शामिल किया गया है। अब तक स्काउट-गाउड नहीं होने से बच्चे इससे अनजान थे।

अब इसको मुख्य विषय के तौर पर शामिल कर दिया गया है। प्रत्येक स्कूल से एक शिक्षक को इसके लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। शासन से अनुशासन और नैतिक मूल्यों पर विशेष जोर दिया गया है। स्काउट गाइड के अलग-अलग आयामों के माध्यमों से छात्रों को इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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