ऐ बिहार! तेरी किस्मत पर पुनः रोना आया ।
समस्तीपुर जिले के विद्यापति नगर थाना क्षेत्र के मऊ गाँव में गरीबी और कर्ज़ से तंग आकर एक ही परिवार के 5 सदस्यों ने फाँसी लगाकर आत्महत्या कर लिया
पर मुझे क्या मैं तो 500 करोड़ रु खर्च करूँगा जातीय जनगणना पर,
थू है बिहार के सभी राजनैतिक दलों पर जिन्हें अपने राज्य की ऐसी बद्दतर हालत देखकर भी लाज शर्म नहीं आती ।
नोट- दुर्भाग्यवश ये सभी उस जाति एवं समाज से आते हैं जिन्हें भारतीय संविधान ने सुखी सम्पन्न अर्थात सवर्ण वर्ग की श्रेणी में रखा है। सबों के नाम हैं:- मनोज झा (42 वर्ष), पत्नी सुन्दरमणि देवी (38 वर्ष), माँ सीता देवी (65 वर्ष), प्रथम
पुत्र सत्यम झा (10 वर्ष) एवं द्वितीय पुत्र शिवम झा (7 वर्ष)। वक्त आ गया है अब जातीय की जगह आर्थिक आधार पर आरक्षण की पहल पूरे देश में होनी चाहिए वर्ना ना जाने कितने और लोग ऐसे ही काल के गाल में समा जाएँगे।