ब्रह्मा कुमारी सेवा केन्द्र परसपुर में मनाया गया 50 वां विश्व पर्यावरण दिवस

ब्रह्मा कुमारी सेवा केन्द्र परसपुर में मनाया गया 50 वां विश्व पर्यावरण दिवस

 

कर्नलगंज/परसपुर गोण्डा। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर

प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय परसपुर सेवा केन्द्र पर एक कार्यक्रम आयोजित कर सभी को जीवन में वृक्ष के महत्व को समझाते हुए वृक्षारोपण करने के लिए प्रेरित किया गया।

इस अवसर पर सेवा केन्द्र संचालिका ब्रह्मा कुमारी अनामिका बहन ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में वृक्षों की अंधाधुंध कटान की वजह से पृथ्वी पर जनसंख्या के हिसाब से जितने जंगल व बाग बगीचे होने चाहिए उस हिसाब से बिल्कुल ना के बराबर ही जंगल तथा बाग बगीचे रह गए हैं। जिससे वृक्षों के अभाव में संसार में बढ़ते हुए पर्यावरण प्रदूषण के कारण अनेकों प्रकार की समस्याएं मानव बिरादरी के ऊपर कहर बनकर ढा रहीं है। जबकि मानव इस समस्या से निजात पाने के लिए हर तरह से अनजान बना हुआ है। आज जलस्तर घट रहा है, ग्लेशियर गल रहें हैं और छोटी-छोटी बीमारियों में मनुष्य को अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है।चिकित्सकों के पास पहुंचते ही चिकित्सक सबसे पहले आक्सीमीटर से आक्सीजन का लेवल चेक करता है जहाँ आक्सीजन का लेवल अक्सर डाउन ही मिलता है। वहीं तमाम ऐसे लोग भी होते हैं जिन्हें तुरंत आक्सीजन देना पड़ जाता है , इसमें कोई जरूरी नहीं है कि बुजुर्ग ही हों नवजवान व्यक्ति को भी ऑक्सीजन चढ़ाना पड़ रहा है। जबकि आज के 60-70वर्ष पहले यह स्थिति नहीं थी,कारण क्या था ?? चारों ओर हरे- भरे -घनें जंगलों बाग-बगीचों से हमारी पृथ्वी आच्छादित थीं,मोटर वाहन से निकलने धुएं तब बिल्कुल ना के बराबर थे व जल स्रोतों के लिए समाज में समय-समय पर विशेष ध्यान दिया जाता था। पोखरों और तालाबों का निर्माण कराया जाता रहा, परंतु अब इस मशीनीकरण युग में मानव इतना स्वार्थी हो गया है कि सिर्फ चीजों का दोहन करना जानता है बदले में कुछ देना बिल्कुल भूल सा गया है जिससे अब जरूरत पुनः जागृति लाने की है, अतः वृक्ष लगाओं – जीवन बचाओ अपने पुराने परिपाटी को पुनः अपनाओं, स्वस्थ्य और सुरक्षित जीवन जीने के लिए श्रेष्ठ जीवन शैली अपनाओं कुछ बेहतर करने के लिए कदम आगे बढ़ाओ,तभी यह वर्ष में एक दिन विश्व पर्यावरण दिवस मनाना सार्थक होगा, यही वक्त की मांग है। उक्त अवसर पर कमला प्रसाद सिंह, रामेन्द्र नारायण सिंह,अनूप सिंह , सुनील भाई, ज्ञानचंद चौधरी , संजीत सिंह ,अनुभव सिंह,शेखर सिंह, सौरभ तिवारी,रमा माता , ममता माता,शुषमा माता,शीला बहन, गीता माता,आशा बहन , रागिनी बहन, सीता देवी, सीता पती माता,रेनू सिंह आदि उपस्थित रहे।

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