खून से लथपथ मां बेटे को थाने मे न्याय दिलाने की बजाय कठोर दिल थानेदार ने जड़ा थप्पड़
सीएम योगी के दरबार पहुंचकर पीड़ित बयां करेगा यहां की दास्तान, लगाएगा न्याय की गुहार
ब्यूरो रिपोर्ट दुर्गेश जायसवाल
गोण्डा जिले का तरबगंज थाने मे न्याय नही बल्कि न्याय मांगने वाले फरियादी को थानेदार द्वारा थप्पड़ मारने का मामला उजागर हुआ है। यहां न तो योगी का डर है और न ही एसपी का खौफ है।
शासन प्रशासन के सख्त निर्देशों के बावजूद तरबगंज थाने में कानून व्यवस्था पटरी से उतरी हुई है। यहां कानून के रखवाले ही कानून को फुटबॉल बना कर खेलते हैं और तो और संगीन वारदातों पर पर्दा डालने के लिए यहां तैनात कानून के नुमाइंदे खुद ही अपने मन माफिक तहरीर लिख कर जबरन हस्ताक्षर करवाते हैं। जिसके चलते अपराध को बढ़ावा मिल रहा है। योगी के निर्देशों को यहां खुलेआम ताक पर रखकर उससे खिलवाड़ किया जाता है। ऐसा ही एक दिल को दहला देने वाला मामला दिनांक 13 मई को यहां उजागर हुआ है जिसे जानकर आप के भी होश उड़ जाएंगे। ताजा मामला ग्राम सेझिया का है जहां के निवासी बद्री प्रसाद निषाद के परिजनों को शराब के नशे में धुत्त दबंगो ने लाठी डंडा व बांके से वार करके घायल कर दिया। खून से लथपथ माँ को बद्री जब थाना तरबगंज लेकर पहुंचा तो वहां माँ की तबियत बिगड़ने लगी और वह गिर पड़ी, फिर क्या था वर्दी के नशे में चूर थानेदार आपा खो बैठे और इंसानीयत को तार तार करते हुए पीड़ित बद्री को पीटने लगे..इस थानेदार को न तो खून से लथपथ बुजुर्ग महिला की बेबसी दिखाई दी और न ही उसके बेटे के दर्द का आभास हुआ। कितनी हैरानी की बात है एक तरफ योगी के खौफ से अपराधियों की जहां सांसे बौखलाई हुई है वहीं ये थानेदार पीड़ितों पर ही कहर बरपा कर दबंगों के हौंसलों को बुलंद कर रहे हैं। इतना ही नही पीड़ित का आरोप है कि संगीन वारदात को छिपाने के लिए पुलिस ने खुद तहरीर लिखवाकर उसके भाई से जबरन हस्ताक्षर करवाया है। यहां बताना जरूरी है कि गोण्डा के एसपी संतोष मिश्रा जहां आये दिन अपराध करने वाले अपराधियों पर बड़ी कार्यवाही करके उन्हें जेल की सलाखों में पहुंचाने का दावा करते हैं वहीं इसके विपरीत तरबगंज के थानेदार फरियादियों पर ही कानूनी लाठी बरसाकर अपराधियों की हिम्मत को बढ़ावा दे रहे हैं। तभी तो संगीन मामले को छिपाने के लिए खुद तहरीर तैयार करते हैं। बताते चलें कि बद्री निषाद को दबंगों द्वारा जान से मारने की धमकी बराबर मिल रही है जिसे लेकर वो अपने दर्द की दास्तान को सर्वप्रथम एसपी संतोष मिश्रा से अवगत कराकर न्याय की भींख मांगेगा और अगर उसे वहां भी न्याय न मिला तो लखनऊ जाकर योगी के सामने अपने बूढ़ी मां को खड़ा करेगा और सारे कारनामो को अवगत कराकर न्याय की झोली फैलाएगा। अब सवाल तो यह उठता है कि अगर पीड़ितों पर थानेदार द्वारा थप्पड़ बरसाए जाएंगे तो न्याय का आलम क्या होगा ?