*वाघडीह प्रधान और सचिव के आगे जिला प्रशासन नतमस्तक*
-घटिया ईंट और घटिया सामग्री प्रयोग करने पर सीडीओ ने बीडीओ को दिया था जांच के आदेश
-वाघडीह गांव में पीले रंग के ईट से हो रहा सड़क निर्माण कार्य
-सचिव और प्रधान की मिलीभगत से हो रहा घटिया निर्माण कर
-इंटरलॉकिंग निर्माण कार्य में सचिव और प्रधान काट रहे मलाई
*बस्ती*- बस्ती जिले के विकासखंड सॉऊघाट के अंतर्गत ग्राम पंचायत बाघडीह में पीले रंग के ईंट से सड़क निर्माण कर कराया जा रहा है । सड़क निर्माण कार्य में पीले रंग के ईंट का प्रयोग करना शासनादेश के खिलाफ है । ग्राम पंचायत बागडीह के ग्राम प्रधान और सचिव शैलेंद्र त्रिपाठी के मिलीभगत से सड़क निर्माण कार्य में घटिया किस्म के और घटिया मसाले का उपयोग किया जा रहा है ।पप्पू प्रधान ने बताया कि सचिव शैलेंद्र त्रिपाठी के दिशा-निर्देश निर्देश पर इंटरलॉकिंग का निर्माण कर चल रहा है । मीडिया से बातचीत में सचिव शैलेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि यदि प्रधान द्वारा घटिया किस्म के ईंट और घटिया किस्म के मसाले का प्रयोग किया जा रहा है तो वह शासनादेशों के खिलाफ है । जिसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी ।वही ग्राम प्रधान ने बताया कि सचिव शैलेंद्र त्रिपाठी के जानकारी में ईंट और मसाले का प्रयोग किया जा रहा है ।इस संबंध में खंड विकास अधिकारी साँऊघाट के पास फोन किया गया लेकिन खंड विकास अधिकारी का फोन रिसीव नही हुआ । इस सम्बध में मुख्य विकास अधिकारी से शिकायत की गयी कि वाघडीह गांव में सचिव और प्रधान के मिलीभगत से सड़क निर्माण में पीले रंग की ईंट और घटिया सामग्री का प्रयोग किया जा सकता है । मुख्य विकास अधिकारी राजेश कुमार प्रजापति ने तत्काल सॉऊघाट के खण्ड विकास अधिकारी को जांच करने का आदेश दिया था लेकिन खण्ड विकास अधिकारी साँऊघाट ने जांच करने के बजाए भ्रष्टाचारियों का सहयोग करके सड़क निर्माण कार्य पूरा किया जा रहा है । एक हफ्ते से एडीओ, बीडीओ, सीडीओ से शिकायत करने पर भी काम का जांच न होना , भ्रष्टाचार का संकेत देता है । मुख्य विकास अधिकारी ने एक सप्ताह का समय मांगा था जांच के लिए । उसी एक हफ्ते में प्रधान और सचिव रात -दिन करके काम को पूरा करने में लगे हुए हैं । प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश का दावा करती है ।लेकिन सांऊघाट खंड विकास अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी के सहयोग से पूरे जिले में भ्रष्टाचार का धंधा चालू है ।ब्लॉक से लेकर जिले तक के अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार करना सरकार की मंशा पर पानी फेरना है।