श्री मद भागवत महापुराण कथा पर नवरात्र के तीसरे दिन श्रद्धालुओं की उमड़ी ।
जयप्रकाश वर्मा
सोनभद्र।
सोनभद्र ब्यूरो| चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है।मां के मस्तक पर घंटे के आकार का चंद्रमा सुशोभित होता है, इसलिए इन्हें चंद्रघंटा भी कहा जाता है।इनकी उपासना करने से भय और नकारात्मक शक्तियों का अंत हो जाता है।कहा जाता है कि मां चंद्रघंटा की उपासना से भय दूर होता है और कुंडली का मंगल मजबूत हो जाता है।मां के इस रूप की पूजा उन लोगों को करनी चाहिए, जिनका मंगल कमजोर होता है। कहा जाता है कि देवी के तीसरे रूप की उपासना से सभी तरह की बाधाएं खत्म होती हैं।ककराही सहकारी समिति स्थित प्राँगण में नव दिवसीय श्री मद भागवत महा पुराण कथा में दर्शन परिक्रमा से विद्या, धन, संतान संबंधी इच्छाओं की पूर्ति होती है।
ऐसी मान्यता है कि माता वैष्णवी है तथा सात्विक शारदा सरस्वती का साक्षात स्वरूप है। जो अध्यात्मिक क्षेत्र में बुद्धि, विद्या एवं ज्ञान की प्रदायनी देवी मानी जाती है।नवरात्र के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है।वही कथा समिति द्वारा श्रद्धालुओ को के दर्शन पूजन हेतु पूरी तरफ से व्यवस्था करायी गई है।जिससे किसी की प्रकार की समस्या न हो।इस दौरान कथा समिति के व्यवस्थापक जी एम सिंह उर्फ गवर्नमेंट सिंह, ओम प्रकाश केशरी, राजू केशरी पूर्व प्रधान, राकेश सिंह ,विजय नारायण मिश्रा, अरुणपति तिवारी, अनिल कुमार जायसवाल, अभिमन्यु सिंह, जयप्रकाश वर्मा,आशुतोष कुमार सिंह तबला स्टार साथियों सहितभागवत कथा प्रेमी मौजूद रहे।