कटे होंठ व तालू वाले बच्चों का निःशुल्क होगा इलाज और ऑपरेशन, प्रातः 10 बजे से शाम 05 बजे के बीच सीएमओ कार्यालय पहुँच करायें पंजीकरण
ब्यूरो रिपोर्ट दुर्गेश जायसवाल
गोंडा बच्चों में जन्मजात कटे होंठ और तालू की विकृतियों का यदि समय से पहचान कर उनका इलाज कराया जाए, तो ये विकृतियाँ दूर हो सकती हैं | जिले में ऐसे बच्चों का चिन्हांकन कर उनका जाँच, इलाज और ऑपरेशन पूर्णतया निःशुल्क कराये जाने हेतु राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) एवं स्माइल ट्रेन संस्था के सहयोग से मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में आगामी 09 अप्रैल 2022 तक पंजीकरण शिविर का आयोजन किया गया है | इसमें प्रतिदिन प्रातः 10 बजे से शाम 05 बजे तक कटे होंठ और तालू वाले बच्चों का पंजीकरण किया जाएगा | यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आरएस केसरी ने दी | उन्होंने बताया कि पंजीकृत बच्चों का निःशुल्क ऑपरेशन एवं सम्पूर्ण इलाज लखनऊ स्थित हेल्थ सिटी ट्रामा सेंटर एवं सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के प्लास्टिक माइक्रोवस्कुलर कॉस्मेटिक एवं क्रेनियोफेशियल सर्जरी विभाग में किया जाएगा |
उन्होंने बताया कि कटे होंठ व कटे तालू की जन्मजात समस्या लगभग 3000 जीवित शिशुओं में से एक को हो सकती है | यह होंठ के दोनों तरफ या एक ही तरफ संभव है | सामान्यतः होठ के साथ तालू भी कटा होता है किन्तु कभी-कभी केवल तालू के कटे होने की भी सम्भावना होती है | इसके कारणों में किसी भी चीज की स्पष्ट भूमिका प्रमाणित नहीं है | समय से पहचान और इलाज से इस दिक्कत से पूरी तरह निजात मिल सकती है | ऐसी जन्मजात विकृतियों वाले बच्चों का इलाज कर उनके चेहरे पर मुस्कान लौटाने और आत्मविश्वास जगाने में स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट के निदेशक डॉ वैभव खन्ना और हेल्थ सिटी ट्रामा सेंटर एवं सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की अहम् भूमिका है |
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व आरबीएसके के नोडल अधिकारी डॉ एपी सिंह ने बताया कि यह बीमारी बच्चों में जन्मजात होती है तथा प्लास्टिक सर्जरी के द्वारा बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लायी जा सकती है | स्माइल ट्रेन संस्था द्वारा हर आयु वर्ग के लोगों का इलाज पूर्णतया नि:शुल्क किया जाता है | अभी तक इस प्रोजेक्ट के तहत डॉ वैभव खन्ना के द्वारा 12 हजार से अधिक मरीजों का निःशुल्क ऑपरेशन किया जा चुका है |
डॉ वैभव खन्ना का कहना है कि माता-पिता शुरुआती दौर में इस बीमारी को समझ नहीं पाते हैं | समय से उचित चिकित्सीय इलाज न मिलने से इस बाद में बीमारी का इलाज मुश्किल हो जाता है | अगर पैदायशी कटे होंठ वाला बच्चा जन्म के पाँच माह और कटे तालू वाले बच्चे का इलाज जन्म के नौ माह के बाद किया जाये, तो बच्चे के चेहरे पर जीवन भर मुस्कान रहती है | हेल्थ सिटी ट्रामा सेंटर एवं सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में संचालित स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट का यही वास्तविक उद्देश्य है |
आरबीएसके के डीईआईसी मैनेजर उमाशंकर वर्मा के अनुसार, यह बात महत्पूर्ण है कि बच्चों का समय से इलाज कराने पर जन्मजात विकृति पूर्णतया ठीक हो सकती है | अधिक जानकारी के लिए स्माइल ट्रेन संस्था के प्रतिनिधि नीरज कुमार शर्मा के मोबाइल नंबर 9454159999 व 9565437056 पर संपर्क किया जा सकता है |