महसी (बहराइच)l

महसी (बहराइच)l जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था, मथुरा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रसिद्ध आध्यात्मिक सन्त बाबा पंकज महाराज की 108 दिवसीय शाकाहार सदाचार मद्यनिषेध आध्यात्मिक वैचारिक जन-जागरण यात्रा अपने 96 वे पड़ाव पर सायंकाल बैकुण्ठा गाँव में पहुँची। यात्रा का कलश दीप, बाजे गाजे व पुष्प वर्षा के साथ भव्य स्वागत किया गया। आज दोपहर 12ः00 बजे से शुरु हुए सत्संग में बाबा पंकज महाराज ने कहा कि सत्संग एक जल है जिसमें स्नान करके कौआ हंस बन जाता है। सत्संग कोई कथा कीर्तन, गाना गाना, बाजे बजाना या किस्सा कहानी नहीं। सत्संग में प्रभु-प्राप्ति का रास्ता बताया जाता है। मालिक के प्रति प्रेम पैदा किया जाता है। सत्संग में अच्छे संस्कार डाले जाते हैं। सद्विचार ग्रहण करने की प्रेरणा मिलती है।

उन्होंने कहा कि यदि सच्ची सुख शान्ति पाना है तो सबको भगवान का भजन करना चाहिए। गाना-गाना, बाजे गाजे के साथ कीर्तन करना कोई भजन नहीं, भजन की नकल है। मनुष्य शरीर रूपी मन्दिर में निरन्तर उतरने वाली आकाशवाणियों को जीवात्मा के कानों से सुनने का नाम भजन है। सत्संग में उन्होंने जीते जी प्रभु प्राप्ति का सरल से सरल मार्ग ”नामदान“ देकर सुमिरन, ध्यान, भजन की क्रिया समझाई, उन्होंने चरित्र को मानव धर्म की सबसे, बड़ी पूँजी कहा, चरित्र-उत्थान और अच्छे समाज का निर्माण करना समय की माँग बताया। मानवीय गुणों जैसे सत्य, दया, करुणा, उदारता, परोपकार, मानव-सेवा, अहिंसा आदि की शिक्षा को मानव सुधार का आधार बताया।

बाबा जयगुरुदेव के एक मात्र उत्तराधिकारी ने कहा कि सन्त महात्मा जाति, पॉति, धर्म, मजहब, सम्प्रदाय, वर्ग आदि की सीमा से बहुत परे होते हैं। वह सबके होते हैं, सबको अपना समझते हैं, सबकी भलाई व कल्याण का काम करते हैं। महात्मा टूटे दिलों को जोड़ते हैं। ईर्ष्या द्वेष की भावना खत्म करके सबमें प्रेम जगाते हैं।

उन्होने समाज में बढ़ती हिंसा, अपराध कदाचार और संघर्ष की घटनाओं पर गहरी चिन्ता व्यक्त की। माँसाहार और नशाखोरी को इसका मुख्य कारण कहा। सभी लोगों से शाकाहार अपनाने और बुद्धिनाशक नशों से बचने की अपील की। यह भी कहा कि बच्चे देश के भविष्य हैं। उनमें अच्छे संस्कार डालना, नैतिकता का पाठ पढाना हरेक माता-पिता की जिम्मेदारी है। सच्चाई, ईमानदारी के साथ काम करना और चरित्रवान नागरिक बनाना उज्जवल भविष्य का संकेत है।

जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था, मथुरा के मुखिया ने कहा कि मेरे गुरु महाराज परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने आवाज लगाई कि ऐ इन्सानों! अपने-अपने दीन-ईमान पर आ जाओ। भगवान का भजन, खुदा की इबादत करो। इसी से तकलीफें जायेंगी।

Related posts

Leave a Comment