रुपईडीहा (गोण्डा) .

रुपईडीहा (गोण्डा) .l जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था के मुख्यालय मथुरा से संस्था अध्यक्ष व विख्यात सन्त बाबा जयगुरुदेव जी के उत्तराधिकारी संत पंकज जी महाराज के सानिध्य में चल रही 108 दिवसीय आध्यात्मिक जन जागरण यात्रा कल सायंकाल अपने 73वें पड़ाव पृथ्वीनाथ मेला मैदान खरगूपुर पहुंची। यहां आज आयोजित सत्संग समारोह में कई संभ्रांत जनो ने पुष्पाहार भेंट कर संत जी का स्वागत किया। उन्होंने अपने प्रवचन में कहा मानव शरीर साधना का मंदिर है। जिसमें प्रभु के पास जाने का दरवाजा है। इसमें दोनों आंखों के मध्य में आत्मा विराजमान है। जिसमे परमात्मा की पराश्रृष्टि को देखने के लिए दिव्य आंख (तीसरा नेत्र) तथा ऊपर के लोकों से आ रही देववाणी आकाशवाणी कलमा सुनने का कान है। इसे खोलने के लिए प्रभु की प्राप्ति करने वाले संत सद्गुरु की आवश्यकता है। संतों ने पिछले युगों की साधनाओं को मना करके गृहस्थ आश्रम में सबके लिए सुलभ और सरल साधना सुरत–शब्द–योग (नाम–योग) जारी किया। परम संत बाबा जयगुरुदेव जी ने इस साधना की परत दर परत खोलकर इसमें करोड़ों लोगों को लगा दिया। पहले यह साधना का मार्ग शहरों के कुछ शिक्षित लोगों को मिल पाता था। जब आप इस साधना को करेंगे तो आप त्रिकालदर्शी हो जाएंगे। ऊपरी मंडलों में इस प्रकार आने-जाने लगेंगे जैसे चिड़िया अपने घोंसले से उड़कर पुनः अपने घोंसले में आ जाती है। यही जीवन का सार है। आप जन्म मरण के बंधन से मुक्त हो जाएंगे।

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