वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का संक्षिप्त जीवनकाल :-
* 9 मई, 1540 ई. :- कुंभलगढ़ में जन्म
* 1552 ई. :- कुंभलगढ़ से चित्तौड़गढ़ प्रस्थान
* 1554 ई. :- 14 वर्ष की उम्र में जैताणा के युद्ध में करण सिंह को मारकर वागड़ की फ़ौज को परास्त किया
* 1556 ई. :- छप्पन के इलाके को जीता
* गोडवाड़ पर विजय प्राप्त की
* 1557 ई. :- बिजोलिया की राजकुमारी अजबदे बाई सा से विवाह
* 1563 ई. :- भोमठ पर विजय
* अक्टूबर, 1567 ई. :- कुंभलगढ़ पर हुसैन कुली खां के आक्रमण को विफल किया
* 1572 ई. :- मेवाड़ के महाराणा बने व सिरोही पर कल्ला देवड़ा के ज़रिए अधिकार किया, कुछ समय बाद सिरोही राव सुरताण से मित्रता कर ली।
* 1572 ई. :- महाराणा द्वारा मंदसौर के मुगल थानों पर आक्रमण व विजय
* 1573 ई. :- गुजरात से आगरा जाती हुई मुगल फौज पर आक्रमण किया व दण्डस्वरूप खजाना लिया
* 1572 ई. से 1573 ई. के बीच अकबर द्वारा भेजे गए 4 सन्धि प्रस्तावों को खारिज किया :-
1) जलाल खां
2) राजा मानसिंह
3) राजा भगवानदास
4) राजा टोडरमल
* 1574 ई. :- चुंडावत जी के ज़रिए सिन्हा राठौड़ को परास्त कर सलूम्बर पर विजय
* 1576 ई. :- हल्दीघाटी का विश्व प्रसिद्ध युद्ध हुआ, जो कि अनिर्णित रहा।
* 23 जून, 1576 ई. :- राजा मानसिंह द्वारा गोगुन्दा पर हमला। यहां तैनात 20 मेवाड़ी बहादुर काम आए।
* अगस्त, 1576 ई. :- महाराणा प्रताप द्वारा अजमेर, गोडवाड़, उदयपुर की मुगल छावनियों पर आक्रमण
* सितम्बर, 1576 ई. :- महाराणा प्रताप ने गोगुन्दा पर आक्रमण किया व कईं मुगलों को मारकर गोगुन्दा पर अधिकार किया
* अक्टूबर, 1576 ई. :- मुगल बादशाह अकबर का 80,000 जंगी सवारों समेत मेवाड़ पर हमला
अकबर एक वर्ष तक मेवाड़ व उसके आसपास ही रहा व महाराणा प्रताप पर कईं हमले किए, पर हर बार नाकामयाबी मिली
* अकबर द्वारा कुतुबुद्दीन, राजा भगवानदास, राजा मानसिंह को गोगुन्दा पर हमला करने भेजना। छोटे-बड़े कई हमलों के बाद अंततः गोगुन्दा पर महाराणा की दोबारा विजय।
* महाराणा प्रताप के खौफ से हज यात्रियों के जुलूस की हिफा�